
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने अपने दो दिवसीय जैसलमेर प्रवास के दौरान शनिवार को भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र का दौरा किया। महानिरीक्षक, सीमांत मुख्यालय जोधपुर एमएल गर्ग ने मुख्य न्यायाधीश का गर्मजोशी से अभिनंदन किया। इस अवसर पर उपमहानिरीक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय, जैसलमेर उत्तर जतिंदर सिंह बिन्जी, समादेष्टा नीरज शर्मा एवं अन्य अधिकारियों सहित बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। दौरे की शुरुआत में मुख्य न्यायाधीश ने मंदिर परिसर में स्थित विजय स्तम्भ पर पुष्पचक्र अर्पित कर राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके उपरांत सीमा सुरक्षा बल की विशेष गार्ड टुकड़ी ने मुख्य न्यायाधीश को गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया। तत्पश्चात उन्होंने तनोट माता के दर्शन कर विधिवत पूजा-अर्चना की तथा देश की सुख-समृद्धि एवं सुरक्षा के लिए प्रार्थना की।
तनोट मंदिर में दर्शन के उपरांत मुख्य न्यायाधीश ने भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित सीमा चौकी का दौरा किया। उन्होंने वहां तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों और महिला प्रहरियों से संवाद कर उनकी कार्य-परिस्थितियों की जानकारी ली व विषम भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों में कर्तव्य पालन कर रहे जवानों का उत्साहवर्धन किया। जवानों और महिला प्रहरियों को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश की प्रथम रक्षा पंक्ति के रूप में विख्यात सीमा सुरक्षा बल के जवानों की कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और समर्पण पर सम्पूर्ण देश को गर्व है।
उन्होंने उल्लेख किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों एवं संभावित शत्रु खतरों के बावजूद अदम्य साहस, सतर्कता एवं मुस्तैदी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्विघ्न निर्वहन किया, जो सराहनीय एवं प्रेरणादायक है। मुख्य न्यायाधीश ने बल के जवानों की निस्वार्थ सेवा, राष्ट्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता एवं बलिदान भावना की प्रशंसा की। उन्होंने जवानों के मनोबल को राष्ट्र की सुरक्षा का आधार बताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
Published on:
13 Dec 2025 10:34 pm
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