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जर्जर हो रहा गृह: वर्षों पूर्व करवाया था निर्माण, यात्रियों को हो रही परेशानी

पोकरण कस्बे में यात्रियों की सुविधा के लिए वर्षों पूर्व नगरपालिका की ओर से केन्द्रीय बस स्टैंड परिसर में बने दो यात्रिका विश्राम लंबे समय से रख-रखाव और मरम्मत के अभाव में अब पूरी तरह जर्जर हालत में पहुंच चुका है।

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पोकरण कस्बे में यात्रियों की सुविधा के लिए वर्षों पूर्व नगरपालिका की ओर से केन्द्रीय बस स्टैंड परिसर में बने दो यात्रिका विश्राम लंबे समय से रख-रखाव और मरम्मत के अभाव में अब पूरी तरह जर्जर हालत में पहुंच चुका है। ऐसे में यहां हादसे का भय बना हुआ है। गौरतलब है कि कस्बे में जोधपुर रोड के किनारे वर्षों पूर्व नगरपालिका की ओर से केन्द्रीय बस स्टैंड स्थापित किया गया था। इस दौैरान प्याऊ व उसके पास विश्राम गृह बनाया गया था, जिसके पुराना हो जाने व क्षतिग्रस्त होने के कारण नगरपालिका की ओर से करीब डेढ़ दशक पूर्व बस स्टैंड परिसर के बीचोंबीच एक विश्राम गृह बनाया गया। दोनों विश्राम गृहों की वर्षों से देखरेख व मरम्मत नहीं होने के कारण क्षतिग्रस्त होकर जर्जर होते जा रहे है। बारिश के दौरान पानी टपकने एवं प्लास्टर उखडऩे से यहां बैठना भी मुश्किल हो रहा है।

यात्रियों को नहीं मिल रही सुविधा

विश्राम गृहों का निर्माण यात्रियों की सुविधा को लेकर किया गया था, ताकि बस का इंतजार करने वालों को परेशानी नहीं हो। वर्तमान में हालत यह है कि यात्रियों को मजबूरी में खुले में बैठना पड़ता है। धूप, बरसात और सर्दी में यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।

निकलने लगे पत्थर, हादसे का डर

पुराने विश्राम गृह के हालात तो बद्तर बने हुए है। इसकी दीवारों में दरारें आने के साथ पत्थर बाहर निकलने लगे है। ऐसे में कभी तेज बारिश के दौरान इसके ध्वस्त हो जाने और किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।

नहीं हो रही कोई कवायद

इस संबंध में स्थानीय लोगों की ओर से कई बार नगरपालिका को अवगत करवाया गया। सरकार की ओर से बस स्टैंड के विकास के लिए 5 करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत की गई है, लेकिन इन विश्राम गृहों की मरम्मत करवाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।