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यहां तो सड़कों पर जख्म ही जख्म… आवागमन हुआ दुश्वार

रामदेवरा क्षेत्र में डामर सडक़ों के हाल बेहाल नजर आ रहे हैं। गांव में प्रवेश करने वाली कई डामर सडक़ों पर गहरे गड्ढ़े हो रखे है।

रामदेवरा क्षेत्र में डामर सडक़ों के हाल बेहाल नजर आ रहे हैं। गांव में प्रवेश करने वाली कई डामर सडक़ों पर गहरे गड्ढ़े हो रखे है। ऐसे में राहगीरों व वाहन चालकों को इन टूटी सडक़ों पर आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रामदेवरा सहित क्षेत्र के विभिन्न गांवों में टूटी-फूटी सडक़ों को दुरुस्त करने को लेकर अभी तक कोई कवायद नहीं की गई है। उधर, बदहाल सडक़ों पर सफर करना बेहद मुश्किल हो रहा है। गौरतलब है कि रामदेवरा धार्मिक स्थल होने के कारण यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते है, जिन्हें इन टूटी सडक़ों के कारण परेशानी से रु-ब-रु होना पड़ता है। इसके साथ ही 200 से 300 मीटर के सफर में भी 25 से 30 मिनट तक लग जाते है। क्षतिग्रस्त सडक़ों की मरम्मत को लेकर जिम्मेदारों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।

मानसून के साथ दो माह बाद मेला

धार्मिक नगरी रामदेवरा में प्रवेश द्वार वालीनाथ गेट से रावणा राजपूत धर्मशाला तक डामर सडक़ दर्जनों जगह से बिखरी हुई है। ये डामर की मुख्य सडक़ यात्रियों और वाहन चालकों के लिए अहम सडक़ होने के बावजूद जिम्मेदार इस सडक़ के नवीनीकरण को लेकर गंभीर नहीं है, जबकि वर्तमान में मानसून का मौसम है। वहीं दो माह बाद अगस्त से यात्रियों के आगमन के साथ ही बाबा रामदेव मेले की रौनक शुरू हो जाएगी। ऐसे में यात्रियों और राहगीरों के लिए होने परेशानी का अनुमान लगाया जा सकता है।