स्वर्णनगरी का सैकड़ों साल पुराना पंसारी बाजार इन दिनों बदहाल यातायात और मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। गोपा चौक से शुरू होकर आसनी पथ तक जाने वाला यह बाजार अधिकतर स्थानों पर महज चार से पांच फीट चौड़ा है। संकरे रास्ते के दोनों ओर दुकानों के बाहर और बीच में दुकानदार व ग्राहक दुपहिया वाहन खड़े कर देते हैं। इससे राहगीरों, विशेषकर महिलाओं और बुजुर्गों को चलने तक की जगह नहीं मिलती। हाल ही में एक बुजुर्ग दुकानदार को स्कूटर चालक ने टक्कर मार दी और बिना रुके निकल गया।
सुबह से शाम तक टैक्सियों की आवाजाही इस गलीनुमा बाजार में रोजाना जाम की स्थिति पैदा करती है। 10-15 मिनट तक का जाम यहां सामान्य हो गया है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस कभी यहां नजर नहीं आती।
ग्रामीण परिवारों की पसंद
यह बाजार ग्रामीण जनजीवन से जुड़ी सामग्री के लिए प्रसिद्ध है। बड़ी संख्या में ग्रामीण, खासकर मुस्लिम समाज के लोग यहां रोजाना खरीदारी के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा बीएसएफ व सेना के परिवारों की भी बाजार में नियमित आवाजाही रहती है।
पंसारी बाजार जैसलमेर की विरासत का हिस्सा है। विदेशी पर्यटक यहां की गलियों और दुकानों की फोटोग्राफी करते हैं, लेकिन अव्यवस्था और अविकसित सुविधाएं उन्हें भी खलती हैं।
हम गांव से शहर सिर्फ जरूरत का सामान लेने आते हैं, लेकिन बाइक-टैक्सी के जाम से आधा वक्त इन्हीं में चला जाता है। पैदल निकलना मुश्किल होता है।
-अब्दुल हमीद, ग्रामीण
सावधानी जरूरी
मैं यहां घर का सामान लेने आती हूं। स्कूटर सवार कई बार टक्कर मारते-मारते बचते हैं। बुजुर्गों के लिए तो यह रास्ता जानलेवा हो गया है। यहां आवागमन के लिए सावधानी जरूरी है।
-मालती देवी, गृहिणी
अव्यवस्थाएं अपार
यहां का बाजार सुंदर है, लेकिन रास्ता बहुत खराब और भीड़भरा है। फोटो लेने में भी डर लगता है कि कोई बाइक न टकरा जाए।
-दीपा रावल, पर्यटक
Updated on:
22 Jun 2025 08:22 pm
Published on:
22 Jun 2025 09:20 pm