scriptआवश्यकता है भारतीय इतिहास की कालगणना को शुद्ध करने की: शर्मा | There is a need to purify the chronology of Indian history: Sharma | Patrika News

आवश्यकता है भारतीय इतिहास की कालगणना को शुद्ध करने की: शर्मा

locationजैसलमेरPublished: Aug 02, 2021 04:18:27 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

जैसलमेर के 84 वर्षीय इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा का शोध

आवश्यकता है भारतीय इतिहास की कालगणना को शुद्ध करने की: शर्मा

आवश्यकता है भारतीय इतिहास की कालगणना को शुद्ध करने की: शर्मा


जैसलमेर. जाने.माने इतिहासकार व लोक संस्कृति मर्मज्ञ नंदकिशोर शर्मा ने इतिहास विषयक अपने ताजातरीन शोध निष्कर्ष में देश-दुनिया के ऐतिहासिक कालक्रम की सदियों से चली आ रही कालगणनाओं को त्रुटिपूर्ण और भ्रामक बताते हुये दुनिया भर के इतिहासकारों को कड़ी चुनौती दे डाली है। कई दशकों से इतिहास और लोक संस्कृति के गहन अध्ययन एवं शोध में जुटे 84 वर्षीय इतिहासकार नन्दकिशोर शर्मा जैसलमेर के मरु सांस्कृतिक केन्द्रए संग्रहालय के संस्थापक संचालक हैं तथा इतिहास और लोक संस्कृति तथा परम्पराओं से जुड़े विषयों पर निरंतर लेखन में जुटे हुए हैं। इन विषयों पर उनकी अब तक 40 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। शर्मा ने बताया कि प्राचीनकालीन संवतों से लेकर हिजरी एवं ईस्वी सन तक की कालगणनाओं में जबरदस्त अंतर है और इस वजह से देश और दुनियां के समूचा इतिहास दुष्प्रभावित हुआ है।
पिछली सदियों में सभी ने किया कुठाराघात
उन्होंने बताया कि मुगलों और अंग्रेजों से लेकर भारतीय लोकतंत्र के रहनुमाओं और नायकों तक ने इस कालगणना के साथ ऐसा घोर अन्याय किया है जिसे यदि समय रहते संशोधित और परिमार्जित कर सही स्वरूप नहीं दिया गया तो इतिहासए तिथियां, ज्योतिषीय गणनायें व पंचाग का गणितए शिक्षण-प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम, गर्व और गौरव का अहसास कराने वाली शौर्य पराक्रम भरी गाथाओं का कालक्रमए राजवंशों का इतिहास और वह सब कुछ विकृत और भ्रामक ही बना रहेगा। इनके साथ ही सरकारी रिकार्ड, विभिन्न प्रदेशों और राज्यों के गजेटियर्स आदि सब कुछ कालगणना की विकृतियों से प्रभावित होंगे और सदियों तक इतिहास में झूठी तिथियां ही समाहित रहेंगी।
सच और यथार्थ से दूर होता जा रहा है अपना इतिहास
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में ऐसे इतिहास से मौलिक सच्चाई की गंध पलायन कर लेगी तथा आने वाली पीढिय़ां इतिहास के साथ हो रही इस क्रूर व षडय़ंत्रकारी मजाक और झूठ को लेकर इतिहासकारों, सियासतदारों और इतिहास विषय के अध्ययन.अध्यायपन से जुड़े सभी लोगों की किरकिरी होती रहेगी। इस अक्षम्य भूल के लिए भावी पीढिय़ां कोसती रहेंगी और किसी को माफ नहीं करेंगी।
सामने आना चाहिए सच्चा और वास्तविक इतिहास
इतिहासकार शर्मा ने कहा है कि अब समय आ गया है कि जब सामने आई इन गंभीर और इतिहास का अपमान करने वाली भूलों को उदारता के साथ स्वीकार करें और इतिहासकार तथा सत्ताधीश मिलकर कालगणना को सुव्यवस्थित करने के साथ ही इतिहास के पुनर्लेखन के कार्य को प्राथमिकता से पूरा करायें ताकि वर्तमान और आने वाली पीढिय़ां भ्रामकए झूठे और दुराग्रह से ग्रस्त इतिहास की बजाय सच्चे इतिहास से रूबरू हो सकें।
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