12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

JAISALMER NEWS- राजस्थान में यहां संकट में वन्यजीवों की यह दुर्लभ प्रजाति, पहुंच रही मौत के द्वार

दुर्लभ चिंकारा के जीवन के साथ हो रहे हर दिन हादसे

2 min read
Google source verification
Jaisalmer patrika

Patrika news

जैसलमेर. राजस्थान का सरहदी जैसलमेर जिला दुर्लभ चिंकारा हरिण का पसंदीदा और सुरक्षित आसरा माना जाता है, यही कारण है कि यहां बहु संख्यां में हरिणों का बसेरा है, लेकिन भीषण गर्मी में भूख और प्यास उसे मौत की आगोश में ले जा रही है। ऐसे में हरिण का जीवन संकट में है। दुर्लभ चिंकारा के साथ हो रहे हादसों से उनका जीवन संकट में है। जिले में स्वच्छंद विचरण करने वाले हरिण इन दिनों कभी शिकार के तो कभी हादसों के कारण जीवन खो रहे है।

यहां है दुर्लभ चिंकारा
जिले के धोलिया, खेतोलाई, लाठी, ओढ़ाणिया, भणियाणा, रामदेवरा सहित विभिन्न गांवों के साथ डेजर्ट नेशनल पार्क के अधिकतर गांवों में हरिण का रहवासी क्षेत्र है। यहां बहुतायात में हरिणों का विचरण होता है। वर्तमान में भीषण गर्मी में प्यास बुझाने आने वाले हरिण शिकारियों और शिकारी श्वानों का शिकार हो रहे है। कभी पानी के लिए खेत की मेड़ की तारों में तो कभी शिकारी श्वानों के दांतों की नोंक में जान गंवा रहे है।

IMAGE CREDIT: patrika

तार में उलझने से हरिण की मौत
रामदेवरा. गांव से विरमदेवरा जाने वाले मार्ग पर स्थित डीएनपी क्लोजर के चारों तरफ लगी तारबंदी में उलझने से एक हरिण की मौत हो गई। गौरतलब है कि विरमदेवरा रोड पर वन विभाग का क्षेत्र स्थित है। यहां बड़ी संख्या में वन्यजीव है। कोई अन्य पशु या व्यक्ति इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं करे, इसके लिए चारों तरफ तारबंदी की गई है। सोमवार को एक हरिण तारबंदी को पार करने का प्रयास करने लगे। इस दौरान वह उसमें उलझ गया तथा गंभीर रूप से घायल हो जाने से उसकी मौत हो गई।

IMAGE CREDIT: patrika

श्वानों के हमले में हरिण घायल
पोकरण. क्षेत्र के लोहारकी गांव में मंगलवार को श्वानों के हमले में एक हरिण घायल हो गया। गांव में एक हरिण स्वच्छंद विचरण कर रहा था। इस दौरान कुछ श्वानों ने उस पर हमला कर दिया। यहां से गुजर रहे वन्यजीवप्रेमियों ने उसे छुड़ाया तथा उपचार करवाया। वन्यजीवप्रेमियों ने बताया कि इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई, लेकिन शाम तक भी कोई कार्मिक यहां नहीं पहुंचा। वन्यकर्मियों के पहुंचने पर उन्हें घायल हरिण सुपुर्द किया जाएगा।