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झिनझिनयाली. क्षेत्र के एकमात्र पशुचिकित्सालय में लंबे अरसे से पशु चिकित्सक का पद रिक्त होने के कारण पशुपालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार झिनझिनयाली पशुचिकित्सालय में कुल छ: पदों में एक चिकित्सक दो पशुधन सहायक दो पशुधन परिचर के साथ एक सफाई कर्ता के पद सृजित है, जिसमे पशु चिकित्सक सहित एक एक पद पशुधन तथा पशुधन परिचर के साथ सफाई कर्ता का पद लम्बे अरसे से रिक्त है। पशुचिकित्सालय में लगभग एक दशक से चिकित्सक का पद खाली पड़ा है। ऐसे में पशुपालकों को परेशानियों से रु-ब-रु होना पड़ रहा है। गौरतलब है कि झिनझिनयाली क्षेत्र पशु बाहुल्य क्षेत्र है। पशुपालको ने बताया कि पशुचिकित्सालय में पशु चिकित्सक के अभाव में पशुओं का इलाज पशुधन सहायक के भरोसे है। पशुपालक बताते हैं कि माकूल इलाज नहीं होने से आए दिन पशु काल कवलित हो रहे हैं। ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन होने के कारण पशुचिकित्सालय में पशु चिकित्सक का एक दशक से पद रिक्त होने के कारण पशुओ का ईलाज करना मुश्किल है। पशु चिकित्सक न होने के कारण पशु ईलाज के अभाव में आए दिन मौतें हो रही है, जिससे पशुपालक परेशान है।
अकाल ही काल का ग्रास बन रहे पशु
झिनझिनयाली क्षेत्र में गत दिनों से गायों की मौतें हो रही है। ग्राम पंचायत झिनझिनयाली सहित गुहड़ा, गजसिंह का गांव, सोढात में इन दिनों कर्रा रोग जैसी बीमारी होने के कारण गायों की अकाल मौत हो रही है। गायों के मुंह में लार टपककर तथा शरीर में जकडऩ होने के बाद एक-दो दिन में उनकी मृत्यु हो जाती है। गायो में बीमारी फैलने के कारण इन दिनों पशुपालक परेशान है।
कर रहे प्रयास
मैं दो दिन पहले ही छुट्टी पर आया हूं। पशुचिकित्सक का पद रिक्त होने के कारण परेशानी होती है। हमारी तरफ से जानकारी के अनुसार इलाज करते है। कर्रा रोग बीमारी का ईलाज सम्भव नही। कुछ दिन पूर्व भी गायो की मौत हुई है।
-राकेश कुमार, पशुधन सहायक, झिनझिनयाली पशु चिकित्सालय
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