
जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर वाई-फाई व अन्य सुविधाओं का अभी भी इंतजार
जैसलमेर. पर्यटन के लिहाज से विश्वस्तरीय पहचान बना चुके जैसलमेर में हर वर्ष १० लाख श्रद्धालु व सात लाख पर्यटक यहां आते हैं। बाजवूद इसके रेल यात्रियों को वाई-फाई सहित अन्य सुविधाएं मुहैया नहीं करवा पाया है। गौरतलब है कि जैसलमेर का पर्यटन के साथ धार्मिक क्षेत्र में भी विशेष महत्व है। यही नहीं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हसपे के बाद भी सरहदी जैसलमेर का रेलवे स्टेशन सुविधाओं से वंचित होने के साथ ही बडे स्टेशनों से कटा हुआ है।
एक बडे स्टेशनों को छोड़ दिया जाए तो जैसलमेर रेलवे स्टेशन देश के सभी बडे स्टेशनों से कटा हुआ है। हकीकत यह है कि अब तक यहां सुविधाओं के नाम पर केवल आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। यहां से बडे स्टेशनों से रेलों का सीधा जुडाव नहीं होने से सैलानियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। रामेदवरा में तो ***** के एक पखवाडे में ही ५ लाख से अधिक भक्तजन आ जाते है। इसके अलावा सरहद पर स्थित तनोट माता मंदिर, भादरिया राय मंदिर, ओसियां की सच्चियाय माता मंदिर, फलोदी की लटियाल माता मंदिर, पोकरण स्थित आशापुरा मंदिर में भी एक लाख से अधिक भक्तजन यहां दर्शनार्थ आते है।
फैक्ट
07 लाख से अधिक सैलानी प्रतिवर्ष आते है जैसलमेर भ्रमण पर।
18 सवारी रेलों का आवागमन होता है जैसलमेर रेलवे स्टेशन से
05 हजार से अधिक यात्री प्रतिदिन आ रहे जैसलमेर
Published on:
28 Nov 2018 06:11 pm
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