नहीं चलने देंगे दादागिरी
रविंद्रसिंह ने कहा कि प्रशासन और पुलिस या कम्पनियां दादागिरी करके काम नहीं कर सकती। यहां के दादा तो बड़े-बुजुर्ग ही हैं। वे स्वयं ओरण व गोचर जमीनों को बचाने के लिए जेल जाने के लिए भी तैयार हैं। कुछ दिन पहले पुलिस ने बईया के विरोध कर रहे लोगों को डंडे के जोर पर दबाने का प्रयास किया था। तब वे यहां आए थे और सबको समझाया था। जयपुर में बैठे अधिकारी राजकीय जमीनों का हिसाब लगा कर उनका आवंटन कम्पनियों को कर देते हैं लेकिन धरातल पर उतर कर नहीं देखते कि कहां कितनी ओरण व गोचर भूमि है। उन्होंने कहा कि जो लोग गाय की पूजा करने का दम भरते हैं, वे पैसे व निजी स्वार्थ के लालच में गोचर भूमि मल्टीनेशनल कम्पनियों को आवंटित कर रहे हैं। एक तरह से वे गोवंश की हत्या कर रहे हैं।
क्षेत्र के लिए मजबूती से खड़े हैं
शिव विधायक ने कहा कि हम किसी सरकार या कम्पनियों की मेहरबानी से नहीं बने हैं, क्षेत्र की जनता के आशीर्वाद से बने हैं। आप सबको विश्वास दिलाता हूं कि जहां भी जैसलमेर-बाड़मेर में जरूरत पड़ेगी, वे मजबूती से खड़े रहेंगे। जिस तरह से अंग्रेजों ने फूट डालो राज करो की नीति अपनाई थी, उसी तरह कम्पनियां भी भाई को भाई से लड़वा कर अपना काम निकालती हैं। ऐसे में हम सबको एक रहने की जरूरत है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी कि वे राज की नौकरी करें लेकिन गरीब आदमी को तंग नहीं करें वरना वे विधानसभा में इसका जवाब देंगे। भाटी ने दोहराया कि वे विकास के विरोध में नहीं हैं लेकिन प्रशासन को चाहिए कि वह ओरण जमीन को ओरण के रूप में दर्ज करें, उसके बाद काम शुरू करवाए। अगर जबर्दस्ती करने का प्रयास किया गया तो हमारे हाथों में भी चूडिय़ां नहीं पहनी हुई है। इस अवसर पर पूर्व प्रधान सुनीता भाटी, हाथीसिंह मूलाना आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।