
बुंदेलखंड के जालौन जनपद में बाढ़ की फाइल फोटो।
UP Rain Alert : जब-जब बुंदेलखंड को लेकर मौसम विभाग ने सूखे की भविष्यवाणी की तब-तब झमाझम बारिश हुई। गांव-गांव बाढ़ का खतरा मंडराने लगा। लोग सिर पर चारपाई रखकर पलायन करने लगे। झांसी और जालौन की नदियों ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया। ये दावे 2003 और 2013 में उस समय फेल हो चुके हैं। जब सूखे की जगह जालौन में नदियों के किनारे बसे गांवों में बाढ़ आ गई। दरअसल, यमुना, बेतवा और पहुंज नदियां उफान थी तो शहर के अंदर के नालों ने भी नदी का रूप धर लिया। शहर से लेकर गांव तक बाढ़ आ गई। अब 2023 में फिर से सूखा होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
2003 में उरई शहर में आ गई थी बाढ़
2003 में पूरे मानसून सीजन बारिश न के बराबर हुई। आखिरी समय पर ऐसी बारिश हुई जिसने रुकने का नाम नहीं लिया। और उरई शहर के बीचों-बीच निकलने वाला नाला भी नदी बन गया। फिर तबाही का मंजर शुरू हुआ और शहर की दो मंजिला इमारतें भी इसकी चपेट में आ गई। जिला प्रशासन को डामर रोड़ काटकर पानी निकालना पड़ा था। सबसे ज्यादा इसकी चपेट में शांति नगर मोहल्ला आ गया था। जहां कई लोगों की जान तक चली गई थी।
रिकार्ड बारिश दर्ज हुई
बुंदेलखंड में 2003 में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई थी। तब उरई शहर का लगभग हर इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया था और पानी कानपुर-झांसी रोड तक पहुंच गया था। बाढ़ की विभीषिका इस कदर थी कि सड़क व रेल यातायात बुरी तरह चौपट हो गया और लोगों को कई दिनों तक छतों पर ही रहकर दिन गुजारने पड़े।
2013 में फिर आ गई थी बाढ़
जालौन में ऐसे ही हालात 2013 में हो गए थे जब सूखे की जगह एक बार फिर बाढ़ ने सितम ढा दिया था। बारिश ने जिला प्रशासन के भी पसीने छुड़ा दिए थे। तब उरई में कुल 921.50 मिमी (औसत 11.97), जालौन में 527 मिमी (औसत 6.93), कालपी में 692.50 मिमी (औसत 9.1) व कोंच में 1288 मिमी (औसत 16.95) बारिश दर्ज की गई।
ऐसे थे आंकड़े
जालौन जनपद में औसत बारिश 857.25 मिमी दर्ज की गई। जनपद में सबसे अधिक वर्षा वाला दिन 30 अगस्त रहा। इस दिन रिकॉर्डतोड़ 73.75 मिमी औसत बारिश हुई। इसके अलावा 31 अगस्त को 62.75 मिमी, 28 अगस्त को 49 मिमी, 29 अगस्त को 36.77 मिमी, 19 अगस्त को 22.75 मिमी, 11 अगस्त को 22.60 मिमी व 17 अगस्त को 22.25 मिमी औसत बारिश हुई।
Published on:
14 Jun 2023 08:17 am
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