बारिश का दौर शुरू होने के साथ गुजरात में विभाग के अधिकारियों ने भी पानी की पर्याप्त आवक को देखते हुए क्लोजर का फैसला टाल दिया।
राजस्थान के जालोर जिले में जलापूर्ति के प्रमुख आधार नर्मदा पेयजल स्कीम में मई और जून माह के बीच तय क्लोजर फिलहाल टल गया है। ऐसा गुजरात राज्य में अच्छी बारिश हो जाने के बाद हुआ है। अभी गुजरात राज्य में कई हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। ऐसे में फिलहाल नर्मदा परियोजना में क्लोजर नहीं लिया जाएगा।
बता दें गर्मी के मौसम में क्लोजर होता तो करीब एक माह तक नर्मदा परियोजना से मुख्य केनाल में पानी की आवक बंद हो जाती। इसके बाद जल संकट की स्थिति बनती। अभी नर्मदा सिंचाई परियोजना विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में किसी तरह का मैसेज गुजरात के विभागीय अधिकारियों की ओर से जारी नहीं किया गया है।
नर्मदा मुख्य केनाल मेें अभी गुजरात राज्य की ओर से 500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस पानी में से 150 क्यूसेक पानी का उपयोग ईआर, एफआर और डीआर पेयजल परियोजनाओं में उपयोग हो रहा है। उसके अलावा 350 क्यूसेक पानी केनाल से वितरिकाओं व माइनरों में पहुंच रहा है, जिससे पशुधन और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो रहा है।
मार्च माह में माउंट आबू में नर्मदा परियोजना के गुजरात और राजस्थान के अधिकारियों की बैठक मुख्य अभियंता आरके झा की मौजूदगी में हुई थी, जिसमें अप्रेल माह में क्लोजर पर राजस्थान के अधिकारियों ने असमर्थता जाहिर की थी, जिसके बाद 15 मई या 15 जून में क्लोजर पर सहमति बनी थी, लेकिन बारिश का दौर शुरू होने के साथ गुजरात में विभाग के अधिकारियों ने भी पानी की पर्याप्त आवक को देखते हुए क्लोजर का फैसला टाल दिया।
नर्मदा परियोजना से पेयजल स्कीम्स के लिए करीब 9 साल से पानी उपलब्ध हो रहा है, लेकिन इस अवधि में यह पहला अवसर है, जब गर्मी के मौसम में अप्रेल, मई और जून माह में नर्मदा परियोजना में क्लोजर नहीं लिया गया है। बारिश का दौर जारी है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से बारिश का दौर जारी है और पानी के जलस्रोतों में आवक जारी है तो अब कम ही लग रहा है कि जुलाई माह में भी कोई क्लोजर लिया जाए। बारिश के सीजन के बाद ऐसा होता है तो उससे ज्यादा परेशानी नहीं होने वाली है। इधर, इस बार गर्मी का अहम समय बिना क्लोजर से गुजरने से विभागीय अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है।
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बारिश के दौर के बाद ही अब गुजरात में कैनाल की मरम्मत और रखरखाव के कार्य के लिए क्लोजर संभावित होगा। ऐसे में संभव लग रहा है कि अगस्त मध्य से सितंबर मध्य तक क्लोजर हो। क्योंकि उसके बाद अगली बुवाई की सीजन को लेकर क्षेत्र के किसानों की ओर से पानी की डिमांड शुरू हो जाती है।
गुजरात के अधिकारियों के साथ बैठक में मई या जून में क्लोजर पर सहमति बनी थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। फिलहाल क्लोजर का कोई मैसेज नहीं है। ये बेहतर स्थिति है और इस बार जलापूर्ति और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी कैनाल में मौजूद है। दूसरी तरफ बारिश की सीजन शरू हो चुकी तो ज्यादा परेशानी नहीं होने वाली है।
रघुनाथ विश्नोई, एक्सईएन, नर्मदा सिंचाई परियोजना