
नर्मदा परियोजना मुख्य केनाल। फोटो- पत्रिका
जालोर। सर्दी के सीजन में भी जालोर-आहोर सहित एफआर प्रोजेक्ट से जुड़े गांवों-कस्बों में जल संकट गहराता जा रहा है। जालोर-आहोर सप्लाई चेन के मुख्य प्वाइंट बागोड़ा-उम्मेदाबाद पंपिंग स्टेशन पर वोल्टेज में उतार-चढ़ाव और पावर कट के कारण यह समस्या बनी हुई है। नर्मदा परियोजना के एफआर प्रोजेक्ट से जालोर-आहोर सहित करीब 300 गांवों-कस्बों को पेयजल की आपूर्ति की जाती है।
पिछले कई दिनों से पावर कट के चलते करीब 30 प्रतिशत तक पानी की कटौती हो रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार नर्मदा परियोजना से जालोर शहर को प्रतिदिन 80 लाख लीटर तक पानी मिलता है, लेकिन रोजाना एग्रीकल्चर लोड के दौरान 6 से 7 घंटे तक वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से पंपिंग प्रभावित होती है। पंपिंग व्यवस्थित नहीं होने से सप्लाई सिस्टम बिगड़ रहा है।
बरसात के दौरान उम्मेदाबाद स्थित जवाई नदी में तेज बहाव के कारण नर्मदा जीएसएस की सप्लाई लाइन का बिजली पोल गिर गया था। इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अन्य रूट से बिजली आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन अब तक नदी क्षेत्र में नया खंभा नहीं लगाया गया है। दूसरी ओर एग्रीकल्चर सीजन के कारण बिजली का लोड बढ़ने से उम्मेदाबाद से पंपिंग और अधिक प्रभावित हो रही है।
नर्मदा विभाग के अधिकारियों के अनुसार परियोजना की केनाल में पर्याप्त पानी उपलब्ध है और तेतरोल से पंपिंग भी पूरी क्षमता से हो रही है, लेकिन पावर कट और वोल्टेज के उतार-चढ़ाव के कारण पूरी सप्लाई नहीं हो पा रही है। इससे शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति का शेड्यूल प्रभावित हो रहा है। जालोर शहर के अधिकतर क्षेत्रों में 96 घंटे के अंतराल में पानी की आपूर्ति की जा रही है।
जालोर शहरी क्षेत्र में नर्मदा परियोजना से सामान्य स्थिति में 24 घंटे में 80 लाख लीटर पानी की आपूर्ति होती है, जबकि स्थानीय स्रोतों से करीब 30 लाख लीटर पानी मिलता है। जब नर्मदा परियोजना से सप्लाई प्रभावित होती है, तब स्थानीय स्रोतों पर निर्भरता बढ़ जाती है।
केनाल में पर्याप्त पानी मौजूद है, लेकिन वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से परेशानी हो रही है। उम्मेदाबाद की सप्लाई लाइन का पोल बरसात के सीजन में गिर गया था। डिस्कॉम अधिकारियों ने इसे बदलने की बात कही थी, लेकिन अब तक नहीं बदला गया है, जिससे समस्या बनी हुई है।
परियोजना अधिकारियों की ओर से समस्या की जानकारी मिली थी। विद्युत लाइन का टॉवर उपलब्ध हो गया है। लिफ्ट करवाकर उसे मौके पर भिजवाया जाएगा और विद्युत सप्लाई सिस्टम को जल्द दुरुस्त किया जाएगा।
Updated on:
24 Dec 2025 03:23 pm
Published on:
24 Dec 2025 03:19 pm
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