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राजस्थान: एक साथ उठी 4 अर्थियां, नम आंखों से हुआ पति-पत्नी और दो बच्चों का अंतिम संस्कार, 10 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

4 Family Member Died In Jalore Accident: पोस्टमार्टम के बाद गमगीन माहौल के बीच शव जैसे ही घर पहुंचे तो बूढ़े माता-पिता की आंखें भी छलक आईं। गरीब परिवार के लोगों की अंतिम यात्रा में भीड़ उमड़ पड़ी।

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Rajasthan Road Accident: जालोर के बावतरा गांव आज गमगीन था, दंपती और उनके दो बच्चों की सडक़ दुर्घटना में मौत के बाद तीसरे दिन एक साथ अर्थियां उठी तो रुदन फूट पड़ा। परिवार के इस गम में ग्रामीण भी साझा हुए और उनकी आंखें भी नम थी। अवैध बजरी से भरे डंपर ने रविवार शाम को बाइक पर सवार एक ही परिवार के चार सदस्यों को चपेट में ले लिया था, जिसमें सभी की मौत हो गई थी।

जिसके बाद विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को परिवार के लोग और समाज के लोग धरने पर थे। कलक्टर प्रदीप के. गवांडे, एसपी ज्ञानचंद्र यादव की समझाइश के बाद मंगलवार को पोस्टमार्टम की सहमति बनी। मंगलवार सवेरे पोस्टमार्टम के बाद गमगीन माहौल के बीच शव जैसे ही घर पहुंचे तो बूढ़े माता-पिता की आंखें भी छलक आईं। जिसके बाद चार अर्थियां एक साथ उठी तो ग्रामीणों की आंखें नम हो गई। गरीब परिवार के लोगों की अंतिम यात्रा में भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं बूढ़े माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल तो मृतको के दस वर्ष का पुत्र राहुल इस छोटी उम्र में अपने माता पिता एवं छोटे भाई बहन का अंतिम संस्कार किया।

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इस तरह खत्म हुआ परिवार, एक वारिस ही बचा

रविवार शाम को बावतरा गांव निवासी उतमपुरी (32वर्ष) पुत्र मांगपुरी गोस्वामी, उसकी पत्नी डिपल देवी (30वर्ष), बेटे राजपुरी (5 वर्ष) व बेटी चिन्टू (8 वर्ष) के साथ मोटर साईकिल पर ससुराल कोरा जा रहा था। इसी दौरान रविवार शाम को जीवाणा-भीनमाल स्टेट हाइवे पर पोसाना-उनडी के बीच इस परिवार को अवैध बजरी परिवहन कर रहे डंपर ने कुचल दिया था।

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दोपहर में गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार

मंगलवार को दोपहर दो बजे सभी शव पोस्टमार्टम के बाद गांव में पहुंचे तो माहौल गमगीन हो गया। अंतिम यात्रा में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। करीब साढ़े तीन बजे गमगीन माहौल में दस वर्षीय बेटे राहुल ने अपने माता, पिता एवं छोटे भाई बहन का परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार किया। बता दें कि उत्तमपुरी अपने पीछे 70 वर्षीय वृद्ध माता पिता तथा एक तीन वर्षीय पुत्र राहुल को छोड़ गया है। बेटे का बोझ वृद्ध पिता मांगपुरी के कंधों पर आ गया है। मृतक के पिता मांगपुरी ने बताया कि छत भी पराई है। गांव वालों के सहयोग से महादेव मंदिर कि भूमि में ही कच्ची झोपड़ी में निवास करते है।