
ऐतिहासिक गोमती तालाब के सरंक्षण व सौन्दर्यकरण की महत्ती आवश्यकता, शहर में सीवरेज बनने से मिलेगी गंदगी से राहत
भीनमाल. शहर के फाफरिया हनुमानमंदिर स्थित हॉल में सोमवार को राजस्थान पत्रिका की ओर से वार्ड संख्या 28 की वार्डसभा हुई। वार्डसभा में वार्ड के लोगों ने सामूहिक चर्चा कर समस्या बताई एवं समाधान भी बताई। उन्होंने कहा कि वार्ड में कार्य तो हो रहा है, लेकिन इन कार्यों से समस्याओं का स्थाई समाधान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि शहर में स्वच्छता के लिए सीवरेज व पीने के लिए नर्र्मदा के पानी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में लाखों रुपए खर्च हो रहे है, लेकिन इससे भी स्वच्छता मिशन पूरा नहीं होगा। गोमती तालाब के नजदीक होने से वार्ड में पांच-छह फीट की खुदाई पर पानी आ जाता है। गोमती तालाब में गदंगी व कचरा होने की वजह से लोग मौसमी बीमारियों व है जा से पीडि़त हो रहे है। उन्होंने वार्ड की समस्याओं को समाचार पत्र के माध्यम से अवगत करवाने के लिए राजस्थान पत्रिका का आभार जताया। इस मौके रूपाराम बालोत, कांग्रेस कमेटी के जिला सचिव पारसमल जीनगर, जगदीश बंजारा, हितेश त्रिवेदी, शिवलाल जीनगर, वीरेन्द्र बालोत, मघाराम, राजुराम बालोत, चंपालाल परमार, कमलेश, चिमनाराम, विक्रम, दिनेश जीनगर, जोगाराम बालोत, मदनलाल, राजुराम परमार, सुरेश कुमार, हंसाराम, बसंत जीनगर, हरिश परमार, सतीश कुमार, इन्द्र बालोत व उत्तम जीनगर सहित कई लोग मौजूद थे।
यह बताई समस्या
- वार्ड में पीने के पानी की आपूर्ति दो-तीन किलोमीटर दूर से होती है, ऐसे में मोहल्लों के कई मकानों में पानी नहीं पहुंच पाता है।
- वार्ड में पांच दिन में एक बार पेयजल आपूर्ति हो रही है।
- पाइप लाइन पुरानी होने की वजह से आए दिन लीकेज होती रहती है।
- नालियां व सडक़ का लेवल सहीं नहीं होने से बरसाती पानी सडक़ पर ही जमा रहता है। ऐसे में सडक़ टूट रही है।
- सीसी सडक़ बनने से सडक़ की ऊंचाई बढ़ रही है, लेकिन विद्युत पोल नहीं बदल रहे है। कई जगहों पर विद्युत तार झूल रहे है। ऐसे में फॉल्ट की समस्या रहती है।
- गोमती तालाब की सफाई नहीं होने से दुर्गन्ध फैल रही है।
- मौहल्लों में कचरा जमा होने से दुर्गन्ध की वजह से बीमारियां फैल रही है।
- ऐतिहासिक गोमती तालाब दुर्दशा का शिकार हो रहा है। पाल पर हो रहे है अतिक्रमण।
- स्वच्छ भारत के तहत भूमिगत गटर खुदवाने में हो रही है दिक्कत।
- कच्ची बस्ती है, लेकिन कच्ची बस्ती का नहीं हो रहा है विकास
- पुराना नाला टूटा हुआ होने की वजह से गंदा पानी मकानों व घरों की नीव में जा रहा है।
- कच्ची बस्ती में कई मजदूर व जूती कारीगर का काम करने वाले लोगों को खाद्य सुरक्षा मेंं नहीं है शामिल।
- बढ़ते यातायात की वजह से आए दिन लगता है जाम
यह बताए समाधान
- पूरे शहर को पीने के लिए नर्मदा का पानी मिले।
- कम प्रेशर की समस्या से निजात के लिए पुरानी पाइप लाइनों को बदला जाए
- कॉलोनी में पानी आपूर्ति के लिए एक उच्च जलाश्य बनना चाहिए।
- बरसाती पानी की समस्या से निजात के लिए सडक़ व नालियों का लेवल सहीं किया जाएं।
- शहर में गदंगी से निजात दिलवाने के लिए सिवरेज बिछाई जानी चाहिए।
- शौचालय निर्माण के लिए लोगों को किश्ते मिले।
- झूलते विद्युत तारों की समस्या के समाधान के लिए अतिरिक्त विद्युत पोल लगे।
- बस्ती के सभी मजदूरों व कारीगरों को खाद्य सुरक्षा में शामिल किया जाए
- गंदे पानी व बरसाती पानी की निकासी के लिए नाले का निर्माण हो।
- मोहल्ले से समय पर कचरा के ढेर उठाए जाए।
- ऐतिहासिक गोमती तालाब का भामाशाहों के सहयोग से सरंक्षण व सौन्दर्यकरण हो। जिससे लोगों को दुर्गन्ध से राहत मिले। इसके अलावा तालाब को पिकनीक स्थल के रूप से विकसित किया जाएं। तालाब की पाळ पर अतिक्रमण हटे।
- मजदूरों व जूती कारीगरों की सुविधा के लिए मोहल्ले में उप स्वास्थ्य केन्द्र बनना चाहिए।
- शहर में सुगम यातायात के लिए बाईपास बने।
- जूती कारीगरों के लिए प्रशिक्षण व आवास उपलब्ध हो।
विकास कार्य करवाए
वार्ड में 25 लाख से नालियां का निर्माण करवाया है, सीसी सडक़े भी बनी है। मुक्तिधाम में हैण्डपंप का निर्माण करवाया है। विद्युत पोल भी लगाए है। शेष कार्य करवाने के लिए प्रयासरत है। शौचालय निर्माण पांच-छह खुदाई में पानी आने की वजह से समस्या आ रही है। जूती कारीगर अधिक होने से कचरा अधिक निकलता है। ऐसे में सफाई समय पर नहीं होने से हैजा व मौसमी बीमारियां लग रही है।
आशादेवी जीनगर, पार्षद-वार्ड संख्या 28
Published on:
06 Feb 2018 11:04 am
बड़ी खबरें
View Allजालोर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
