
जीतेश रावल. जालोर
नजदीकी गुजरात में विधानसभा चुनाव है पर मादक पदार्थों की तस्करी रोकने की दिशा में कोई खास प्लानिंग नहीं हो रही है। चुनाव के मद्देनजर आबकारी की नाक के नीचे से मादक पदार्थों की खेप बेरोकटोक गुजरात तक दस्तक दे रही है।
एक आकलन के मुताबिक राजस्थान से भारी मात्रा में शराब जा रही है, लेकिन आबकारी कुछ पव्वे ही हाथ लग रही है। हालांकि आबकारी ने चाक-चौबंद व्यवस्था दिखाने के लिए कारोला फांटा के पास चैकपोस्ट स्थापित की है, लेकिन ऐसा कोई बड़ा मामला हाथ नहीं लगा जिसे बड़ी सफलता कहा जा सके। गश्ती दल गठित कर रखा है, लेकिन इसमें सांचौर के पीओ को ही नियुक्त किया गया। यह दिलचस्प ही है कि खुद के इलाके में ही गश्त करने के लिए विशेष रूप से गश्ती दल गठित करना पड़ रहा है। रस्म अदायगी के लिए छोटे-छोटे मामले पकड़े भी है। यह इंगित करता है कि इतना कम माल कम से कम तस्करी तो नहीं हो रहा होगा।
चुनावी सीजन... में आया बूम
सांचौर, चितलवाना, भीनमाल व रानीवाड़ा क्षेत्र से सटे गांवों से होते हुए तस्कर सीधे ही गुजरात पहुंचते हैं। गुजरात में शराबबंदी के कारण शराब की आपूर्ति राजस्थान के रास्ते ही होती है, लेकिन चुनाव के कारण इस आपूर्ति में बूम सा आ गया है। गुजरात के लिए मादक पदार्थ खासकर शराब ज्यादा ही पार होती है। मांग बढऩे से बॉर्डर इलाकों से सटे गांवों में तस्कर सक्रिय हो चुके हैं। गांवों से होकर गुजर रही शराब की खेप रोकने में किसी की रुचि नहीं है। लिहाजा गुजरात के लिए शराब की खेप बेरोकटोक गुजर रही है।
हाथ लगे कुछ पव्वे व बोतलें
पिछले कुछ दिनों की कार्रवाई देखी जाए तो आबकारी के प्रयासों की पोल खुल जाती है। इसके तहत गत ४ दिसम्बर को हाड़ेचा निवासी गजेंद्रसिंह पुत्र लक्ष्मणसिंह को गिरफ्तार कर ४८ पव्वे देसी शराब पकड़ी। ५ को सिवाड़ा निवासी हनुमानाराम पुत्र फगलूराम बिश्नोई से १० बोतल शराब, सांचौर के कारोला निवासी राणसिंह पुत्र छैलसिंह से २० पव्वे देसी व ३ पव्वे अंग्रेजी शराब, करडा के कोटड़ा निवासी मनोहरलाल पुत्र अचलाराम बिश्नोई से ४८ पव्वे देसी व १० बीयर की बोतलें, ६ को सांचौर के शिवनाथपुरा निवासी पेमाराम पुत्र जामताराम खटीक से २५ पव्वे व ३ बोतल अंग्रेजी शराब, कारोला निवासी उदयसिंह पुत्र नारायणसिंह से २२ पव्वे देसी शराब व ७ दिसम्बर को करडा के करवाडा निवासी हड़मानराम पुत्र गंगाराम बिश्नोई को गिरफ्तार कर २३ पव्वे देसी व २ पव्वे अंग्रेजी शराब के बरामद किए।
तस्करी रोकने में नहीं दिलचस्पी
तस्करी रोकने की दिशा में आबकारी महकमा कोई खास दिलचस्पी नहीं ले रहा है। कार्रवाई के मामलों में आबकारी के प्रयास पुलिस से भी काफी पीछे है। आबकारी महज दिखावे की कार्रवाई कर रही है। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो जहां पुलिस वाहनों में भरी खेप पकडऩे में सफलता हासिल कर रहा है वही आबकारी महकमे को महज पव्वे या कुछ बोतलें ही हाथ लग रही है।
प्रयास कर रहे हैं...
तस्करी रोकने के प्रयास कर रहे हैं। हमने कारोला फांटा के पास चैकपोस्ट स्थापित की है तथा गश्ती दल भी गठित किया है। हाल ही में कुछ मामले पकड़े भी है।
-विनोद वैष्णव, जिला आबकारी अधिकारी, जालोर
Published on:
09 Dec 2017 11:19 am
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