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पॉलीथिन पर कैसे लगे रोक, जब हर कोई बेखौफ

अभियान के नाम पर कागजी खानापूर्ति, रोक के बावजूद धडल्ले से हो रहा पॉलीथीन का उपयोग

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Polythene

How to stop polythene when everyone is unaffected

भीनमाल. शहर में पॉलिथीन का उपयोग थमने का नाम नहीं ले रहा है, सरकार की ओर से रोक के बावजूद पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। शहर में कचरे की प्रमुख समस्या पॉलीथिन व प्लास्टिक के कारण हो रही है। प्रशासनिक अधिकारी कभी-कभार अभियान चलाकर कागजी खानापूर्ति पूरी कर लेते है, लेकिन कुछ ही दिनों में पॉलीथिन का चलन फिर से शुरू हो जाता है। घर हो या बाजार, हर कोई पॉलीथिन का खुलेआम उपयोग कर रहा है। कोई उसमें गृहस्थी का सामान लेकर आ रहा है तो कोई सब्जी व खाद्य पदार्थ। लोगों को पॉलीथिन के दुष्प्रभावों का ध्यान होने के बावजूद भी उसके दुष्परिणामों से बेखबर है। पॉलीथिन के नष्ट न होने के कारण यह भूमि की उर्वरा क्षमता को खत्म कर रहा है। इससे भूजल का स्तर भी घट रहा है। पॉलीथीन को जलाने से निकलने वाला धुंआ ओजोन परत का नुकसान पहुंचा रहा है, जो ग्लोबल वार्मिंग का बड़ा कारण है। चिकित्सकों की माने तो कचरा जलाने के कारण कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी गैसें निकलती है, जिससे सांस व त्वचा संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसके अलावा शहर में पॉलीथिन के कारण नालियां जाम रहती है। पालिका व प्रशासन की उदासीनता के चलते हर रोज कई पशु पॉलीथीन खाकर दम तोड़ रहे है। इसके बावजूद भी पॉलीथि के उपयोग पर कोई ठोस कार्यवाही व जागरूकता नहीं लाई जा रही है।
5 साल की सजा या 1 लाख का जुर्माना
सरकार की ओर से 1 अगस्त 2010 से पॉलीथिन पर रोक है। पॉलीथिन का उपयोग करने वालों 5 साल की सजा व 1 लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकती है। इसके बावजूद भी पॉलीथिन का उपयोग करता है तो 5 हजार रूपए प्रतिदिन का अर्थदण्ड भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा थोक विक्रेता व फुटकर विक्रेता, व्यापारी, दुकानदार के विरूद्ध पर्यावरण संरक्षण एक्ट 198 6 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
पशु दम तोड़ रहे...
शहर में हर जगह पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है। उपयोग के बाद लोग सड़क पर पॉलीथिन का कचरा डाल देते है। जिसे खाने से आएं दिन पशुधन दम तोड रहे है।
- सुरेश माली-शहरवासी
जिम्मेदारी समझें...
पॉलीथिन पर सरकार की ओर से रोक है। ऐसे में दुकानदारों व लोगों को इसके उपयोग के प्रति जिम्मेदारी को समझना चाहिए। लोगों को कपड़े या कागज की थैली का उपयोग करने की आदत डालनी चाहिए।
- सांवलाराम घांची-दुकानदार
कागजी खानापूर्ति...
पालिका व प्रशासन की ओर से पॉलीथिन के उपयोग पर केवल कागजी खानापूर्ति की जाती है। प्रशासन को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत पॉलिथीन का उपयोग करने वालों के विरूद्व ठोस कार्यवाही कर जुर्माना वसूलना चाहिए।
- जसवंत माली-शहरवासी
प्रदूषण बढ़ रहा है...
शहर में रोक के बावजूद भी दिनोंदिन पॉलीथिन का उपयोग बढ़ रहा है। पॉलीथिन के नष्ट नहीं होने से पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ रहा है। जिससे लोग श्वास व त्वचा से सबन्धित बिमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
- जंयतीलाल भाटी-दुकानदार
अभियान चलाकर कार्रवाई करेंगे
पॉलीथिन के उपयोग पर समय समय पर दुकानदारों व लॉरी वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाती है। पालिका की ओर से स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कपड़े की थैली बनाने का कार्य हो रहा है। अभियान चलाकर पॉलीथिन का उपयोग करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करेंगे।
- भीखाराम जोशी, ईओ