
कहने को फोरलेन है और टोल टैक्स इतना मानों सारी सुविधाएं मयस्सर हों लेकिन यह सपना ही है। यहां टोल टैक्स चुकाने के बाद भी सुविधाएं नदारद हैं। सड़क पर हिचकोले खाते हुए चलना और हरदम हादसे का अंदेशा रहता है सो अलग। यह स्थिति सिरोही से गुजर रहे फोरलेन की है। यहां मातरमाता मंदिर के समीप ही हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि वाहन चालकों को डर लगता है। टूटी सड़क पर हिचकोले और उड़ती धूल के बीच सफर करना नियति बन गया है। फिर दुर्घटना की आशंका भी रहती है।निर्माण एजेंसी की ओर से प्रतिदिन हाईवे पेट्रोलिंग भी होती है, लेकिन इस स्थिति पर आंखें मूंद रखी हैं।पेट्रोलिंग वाहन भी इसी सड़क से गुजरता है पर न तो इसकी मरम्मत करा रहे हैं और न ही अन्य व्यवस्था।बदहाली के बीच भारी-भरकम टोल चुकाना वाहन चालकों को अखर रहा है, लेकिन आखिर कहें भी तो किसे। फिर भी नहीं उड़ रही नींद
सारणेश्वर जंक्शन से बाहरीघाटा तक महज कुछ किमी का सफर ही काफी दुखदायी है।उखड़ी सड़क पर डामर और कंक्रीट से उभार और कट से बन गए हैं। पानी में भीगने से यह मलबा कीचड़ का रूप ले रहा है।ऐसे में फोरलेन पर दुपहिया वाहन चलाना तो मानों मौत को दावत देने के बराबर है। बदहाल स्थिति के बावजूद एनएचएआई और निर्माण एजेंसी की नींद नहीं उड़ रही।
मनमर्जी से चला रहे काम
एलएंडटी की ओर से बनाए फोरलेन की स्थिति अर्से से बदहाल है।मरम्मत पर ध्यान नहीं देने से स्थिति और बदतर हो रही है।ऐसा लगता है कि एनएचएआई की ओर से भी इसकी ठोस रूप से मॉनिटरिंग नहीं हो रही है।इससे निर्माण एजेंसी मनमर्जी से काम चला रही है। जगह-जगह पड़े गड्ढों से वाहनों का मैंटेनेंस भी बढ़ रहा है।
Published on:
29 Aug 2016 09:06 am
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