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Environment protection : नहीं रहे सचेत, तो खतरा, पढ़े पूरी खबर…

देव जसनाथ पारिवारिक वानिकी यात्रा

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Environment protection : नहीं रहे सचेत, तो खतरा, पढ़े पूरी खबर...

Environment protection : नहीं रहे सचेत, तो खतरा, पढ़े पूरी खबर...

सेवड़ी (भीनमाल) । भूमि संरक्षण विश्व स्तर पर लैंड फॉर लाइफ अवार्ड इको से सम्मानित प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी के देव जसनाथ पारिवारिक वानिकी यात्रा के तहत रविवार को जाणियों की ढाणी के जसनाथ आश्रम में पहुंचने पर ग्रामीणों ने स्वागत किया।
देव जसनाथ पारिवारिक वानिकी यात्रा [ Dev Jasnath Family Forestry Tour ] पर्यावरण दिवस पर बीकानेर के डाबला तालाब से शुरू हुई थी। इस मौके आयोजित संगोष्ठी में प्रोफेसर ज्याणी ने कहा कि वन एवं वन्य जीव संरक्षण से प्रकृति को बचाया जा सकता है। इस यात्रा का उद्देश्य आम जन में वन एवं वन्य जीवों का संरक्षण कर ग्लोबल वार्मिंग जैसे खतरों से निपटना है। उन्होंने कहा कि पेड़ों को सहेजने व नए पेड़ लगाने का क्रम तीव्र गति से करना होगा, नहीं तो आने वाले समय में पृथ्वी पर प्राणी मात्र के जीवन पर संकट खड़ा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि वन वन्य जीव को बचाने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास [ team play ] करने की आवश्यकता है। साथ ही जसनाथ व जाम्भोजी की पर्यावरण शिक्षा से जनमानस को जोडऩे व डाबला तालाब को विश्व मानचित्र पर पर्यावरण के तीर्थ के रूप में स्थापित करना है। इस मौके कांग्रेस नेता वीरमाराम जाट ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण [ Environment protection ] के बारे में बातें बहुत होती है, लेकिन धरातल पर अब तक कोई परिवर्तन नजर नहीं आ रहा है। एक दिन पर्यावरण दिवस मना कर हम भूल जाते हैं घर में हर प्रकार की चर्चा होती है लेकिन पर्यावरण को लेकर कोई बात नहीं होती है इसके लिए आमजन को जागरूक होना होगा, युवाओं और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम में पहुंचे सभी ग्रामीणों ने एक-एक पौधरोपण कर पर्यावरण सरंक्षण का संकल्प लिया।

ये रहे मौजूद
इस मौके लीलसर मठ के महंत मोड नाथ, भाड़वी महंत शिवगिरी, समाजसेवी राजूराम बिश्नोई, भाड़वी सरपंच किसनाराम, रंगाला सरपंच राजूराम, डाबली सरपंच हनुमानाराम, जसनाथ आश्रम के अध्यक्ष इशराराम, किशनाराम जाणी कोटड़ा व नैनाराम सियाग सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।