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जालोर फोर्ट को अब मिलेगी नई पहचान, एक दशक बाद यह बड़ी कवायद

- जालोर दुर्ग के संरक्षण, जीर्णोद्धार व मरम्मत कार्य के लिए निविदा जारी

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jalore fort rajasthan

जालोर दुर्ग

रिपोर्ट: खुशालसिंह भाटी

जालोर. जालोर के स्वर्णगिरी दुर्ग को निखारने के लिए इतिहास की सबसे बड़ी पहल हो रही है। इस कवायद से जालोर दुर्ग पर्यटन मानचित्र पर नजर आएगा। फोर्ट के विकास के लिए करीब 5 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए है। मुख्यमंत्री बजट घोषणा गोडवाड़ सर्किट के तहत जालोर दुर्ग के संरक्षण, जीर्णोद्धार एवं मरम्मत कार्य के लिए निविदा जारी कर दी गई है।

जालोर दुर्ग के संरक्षण, जीर्णोद्धार एवं मरम्मत कार्य की स्वीकृति राशि 565 लाख के तहत 21 अप्रेल 2022 को राशि 494 लाख की निविदा जारी कर दी गई है। इस संबंध में कलक्टर निशान्त जैन की अध्यक्षता में पुरातत्व एवं संग्रहालय वृत्त जोधपुर के अधीक्षक इमरान अली, सहायक अभियंता मदनलाल बलाई की उपस्थिति में निर्माण कार्य के प्रत्येक मदों एवं विकास कार्य योजना के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। इस राशि द्वारा जालोर के स्वर्णगिरी दुर्ग पर संरक्षण, जीर्णोद्धार एवं मरम्मत के कार्य किए जाएंगे।

सबसे बड़ा बजट
जालोर दुर्ग को निखाने के लिए इससे पहले भी कवायद हुई है, लेकिन अब तक की सबसे बड़ी पहल वर्तमान में होगी। इससे पूर्व 50 लाख और 38 लाख रुपए की लागत से दुर्ग की मरम्मत की गई थी। लेकिन 5 करोड़ रुपए यह बजट अब तक का सर्वाधिक है।

2012 की मुहिम को 10 साल बाद बुलंदी
जालोर दुर्ग की बात करें तो यह सबसे ऐतिहासिक स्थल है। यह दुर्ग वर्षों से उदासीनता का शिकार ही रहा, लेकिन वर्ष 2012 में पहली बार इस दुर्ग के लिए लगभग 50 लाख रुपए की स्वीकृति राज्य सरकार ने की थी, तो उसके बाद इस दुर्ग के परकोटे की मरम्मत, मुख्य द्वारों की मरम्मत, रंगरोगन, बेतरतीब पड़ी तोपों को व्यवस्थित रूप से रेंप पर लगाने के कार्य करवाए गए थे। इस मरम्मत कार्य के बाद लगभग 40 लाख की स्वीकृति और छोटे मोटे कार्यों के लिए भी जारी की गई थी, जिससे दुर्ग की स्थिति में काफी सुधार आया था। अब इस पहल से जालोर दुर्ग का निखार आएगा।

सडक़ बन जाए तो सोने पर सुहागा
दुर्ग की ऊंचाई अधिक है और यहां तक केवल सीढिय़ों से ही पहुंचा जा सकता है। बाहरी पर्यटक यहां तक इसी कारण से पहुंच नहीं पाते। वर्ष 2012 से ही दुर्ग तक पहुंचने के लिए पहले रोप वे और उसके बाद सडक़ निर्माण के अनेक प्रस्ताव बनाए गए, जो अटके पड़े है। दुर्ग तक सडक़ निर्माण के लिए सर्वे भी हो चुका है। अब इस कड़ी में दुर्ग तक सडक़ निर्माण कार्य की कवायद को भी रफ्तार मिल जाए तो जालोर के इस दुर्ग को बाहरी पर्यटक भी निहार सकेंगे।

ये काम होंगे, जिससे मिलेगी पहचान
- 3 शैल्टर दुर्ग तक की दुर्गम चढ़ाई पर विभिन्न स्थानों पर बनेंगे
- चारों दरवाजे सूरजपोल, धु्रव पोल, चांद पोल पर मरम्मत का कार्य किया जाएगा
- 700 से 800 मीटर फोर्ट की दीवार की मरम्मत का कार्य किया जाएगा
- स्वच्छता और सुविधा के लिए दुर्ग पर टॉयलेट ब्लॉक बनेगा
- मानसिंह महल की मरम्मत की जाएगी
- रानी महल और भूल भूलैया का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा।
- पानी के स्रोतों की मरम्मत का कार्य भी करवाया जाएगा।
- पानी की पाइप लाइन बिछाने के साथ पेयजल प्रबंध किया जाएगा

इनका कहना
जालोर स्वर्णगिरी दुर्ग पर संरक्षण, जीर्णोद्धार एवं मरम्मत के कार्य किए जाएंगे। करीब 5 करोड़ की लागत से इस ऐतिहासिक स्थल के स्वरूप को निखारने की यह पहल है।
इमरान अली, अधीक्षक, संग्रहालय वृत्त जोधपुर

जालोर के ऐतिहासिक स्वर्णगिरी दुर्ग पर विकास के विभिन्न कार्य होंगे। प्रयास रहेगा कि ये सभी कार्य तय सीमा में शुरु होने के साथ पूरे भी हो जाएं। इन कार्यों से निश्चित ही जालोर दुर्ग की नई पहचान बनेगी।
- निशांत जैन, कलक्टर, जालोर