
- बंद के नाम पर अशांति फैलाने वालों में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी भी शामिल
सांचौर. एससी एसटी संगठनों की ओर से सोमवार को किया गया बंद का आह्वान हिंसा में बदल गया। शहर के मुख्य चौराहे एवं मुख्य बाजार की दुकानों को जबरन बंद करवाने का व्यापारियों ने विरोध किया तो बंद समर्थकों ने दुकानों में तोड़- फोड़ व लूटपाट करनी शुरू कर दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। लूटपाट व राजकार्य में बाधा पहुंचाने सहित अन्य मामलों को लेकर करीब ५० उपद्रवियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव व लाठियों से हमला कर दिया। जिससे सांचौर डीवाईएसपी फाऊलाल मीणा घायल हो गए। उन्हें पुलिसकर्मियों ने सुरक्षित वहां से बाहर निकाला। इसके बाद उपद्रवी बेकाबू हो गए। पुलिस भी चुपचाप देखती रही। उपद्रवियों के पत्थार व लाठी के हमले से उपखंड अधिकारी मुरारीलाल शर्मा भी बाल-बाल बचे। स्थिति के नियंत्रण से बाहर होने के बाद बाजार में दहशत का माहौल हो गया। सवेरे ९ बजे शुरू हुआ उत्पात ११ बजे तक जारी रहा। इस दौरान प्रशासन के पास भी पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से पुलिस लाचार नजर आई। उपद्रवियों ने शहर की मुख्य सडक़ों पर वाहनों में आग लगा दी। वहीं दुकानों का सामान सडक़ पर फैंक दिया। मामला गंभीर होने व पुलिस की ढीली कार्रवाई के विरोध में समस्त व्यापार संघ के लोग पुलिस थाने पहुंचे व मामले में कार्रवाई की मांग करने लगे। पुलिस ने करीब ११ बजे शहर के पीडब्ल्यूडी रोड पर भीड़ को तितर- बितर करने के लिये आसंू गैस के गोले छोड़े। चार रास्ता पर नेशनल हाईवे को जाम करने का प्रयास करने वाले लोगों पर लाठियां भांजी। सांचौर में हालात नियंत्रण से बाहर होने की वजह से पुलिस ने धारा १४४ लगाई। वहीं इंटरनेट सेवा को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया। व्यापारियों की और से तोडफ़ोड़ के मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए शाम को व्यापारियों की बैठक बुलाई गई। जिसमें बेवजह तोडफ़ोड़ के मामले में कार्रवाई की मांग की गई।
व्यापारियों ने हाथ जोड़ सुरक्षा मांगी, फिर भी नहीं चेती पुलिस
एससी एसटी संगठनों द्वारा जबरन सांचौर बंद करवाने की धमकियां देने व सोसियल मीडिया पर मैसेज वायरल करने को लेकर १ अप्रेल को व्यापारियों ने घटना को लेकर प्रशासन व पुलिस को अवगत करवाया। वहीं सांचौर पुलिस थाने में बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें एससी एसटी प्रतिनिधि के रूप में सांचौर प्रधान टाबाराम मेघवाल, केशाराम मेहरा ने पुलिस को व्यापारियों की मौजूदगी में विश्वास में दिलाया था कि शहर में जबरन कोई उत्पात की घटना नहीं होगी। वहीं सांचौर डीवाईएसपी सहित पुलिस के अधिकारियो ने भी व्यापारियो को पूर्ण सुरक्षा देने की बात कही थी।लेकिन सोमवार को पर्याप्त जाप्ता नहीं होने से उपद्रवी बेकाबू हो गए।
दर्जनभर लोग घायल
एससी एसटी संगठनों द्वारा सांचौर बंद को लेकर किया गया उपद्रव हिंसक हो गया। जिसकी वजह से करीब दर्जनभर लोग घायल हुए।जिसमें दो जनों की स्थिति गंभीर है। उत्पात के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान सांचौर डीवाईएसपी सहित क ई पुलिसकर्मी भी घायल हुए है।
उपद्रवियों ने वाहनो को लगाई आग
सांचौर. शहर में उपद्रव मचा रहे युवकों ने शहर में कई वाहनों को आग लगा दी। शहर के चार रास्ता, रानीवाड़ा रोड सहित कई जगहों पर वाहनो को आग लगा दी गई। जिससे दहशत का माहौल रहा।
ढिलाई का आरोप
कपड़ा व्यापार संघ सांचौर के अध्यक्ष हरिश पुरोहित ने बताया कि शहर में उपद्रव की आशंका को लेकर पुलिस को पूर्व में सूचित कर दिया था। लेकिन पुलिस नहीं चेती। समस्त व्यापार संघ के अध्यक्ष भोपालचंद मेहता ने बताया कि पुलिस को व्यापारियों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। रेडिमेड एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश शारदा नेकहा कि रेडिमेड सहित कई दुकानों में तोडफ़ोड़ की घटना की है, वह निंदनीय है। किराणा व्यापार संघ अध्यक्ष मोहनलाल मालू ने बताया कि उप्रदवियों ने सबसे ज्यादा नुकसान किराणा व्यापारियों को पहुंचाया है।
सांचौर में धारा १४४
&सांचौर में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। धारा १४४ लागू कर दी गई है। वहीं जालोर से अतिरिक्त पुलिस जाप्ता बुला लिया गया है। उत्पात को लेकर गिरफ्तारियां की गई है। व्यापारियों की ओर से भी लूटपाट को लेकर प्रकरण दर्ज करवाये गए है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
-सुुखाराम बिश्नोई, थानाधिकारी सांचौर
जालोर में पुलिस प्रशासन ने दिखाया हौसला
एसडीएम-एसपी डटे रहे
जालोर. लाठी चार्ज के दौरान बंद समर्थकों की ओर से सूरजपोल के बाहर अचानक पथराव शुरू हुआ तो पुलिस जाप्ता पीछे हटने लगा। जाप्ता पथराव के कारण पीछे हटा लेकिन एसडीएम और एसपी वहीं डटे रहे और उन्होंने जाप्ते से सहयोग का आह्वान किया। इस दौरान स्वयं एसपी विकास शर्मा और एसडीएम ने लाठियों से भीड़ को खदेड़ा। माहौल खराब होने और एसपी और एसडीएम पर पथराव की जानकारी मिलने पर अतिरिक्त जाप्ता भी मौके पर पहुंचा और भीड़ को भगा दिया।
नारेबाजी के बाद अशिष्टता भी उजागर
आमतौर पर शांत कहे जाने वाले जालोर शहर में कई आंदोलन और जुलूस भी निकलते हैं। इस जुलूसों और आंदोलनों में नारेबाजी भी होती है। लेकिन सोमवार को बंद समर्थकों द्वारा न केवल नारेबाजी की गई, बल्कि अपशब्दों का भी जमकर उपयोग किया गया। बंद के नाम पर हो रही अपशब्दों की बौछार को भीड़ में मौजूद मौजिज लोगों ने भी रोकना उचित नहीं समझा।
एसपी ऑटो में तो, एसडीएम बाइक पर दिखे
एसपी अस्पताल चौराहे पहुंचे तो सूरजपोल के पास अचानक माहौल बिगड़ गया और पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस दौरान एसपी का वाहन वहां मौजूद नहीं था, तो वे एक ऑटो चालक से लिफ्ट लेकर मौके पर पहुंचे। इधर, एसडीएम बाइक पर ही मौके पर पहुंचे।
दस अप्रेल तक का अल्टीमेटम
जिला कलक्टर को ज्ञापन देने के दौरान व्यापारियों व अन्य संगठनों के लोगों ने तोडफ़ोड़ व लूटपाट करने वाले आरोपियों और बंद को समर्थन दे रहे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ दस अप्रेल तक कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया। दस अप्रेल तक कार्रवाई नहीं होने पर व्यापारियों व अन्य संगठनों ने धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी।
वाहनों को नुकसान
भीड़ ने वाहनों को नुकसान पहुंचा। लाठीचार्ज के दौरान पहले वन-वे रोडक्षेत्र दुपहिया वाहनों को और बाद में अस्पताल रोड पर वाहनों को काफी नुकसान पहुंचाया।
इंटरनेट सेवाएं बंद
बंद के दौरान बिगड़े माहौल के चलते जालोर शहर में दोपहर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।वहीं सांचौर में सवेरे से ही इंटरनेट सेवाएं बंद हो गई थी।
इनका कहना
&बंद के दौरान उपद्रव, लूटपाट और पत्थरबाजी करने वाले तत्वों की पहचान की जा रही है। साथ ही इन लोगों की गिरफ्तारी की जा रही है। अब तक 13 को गिरफ्तार किया जा चुका है। उचित कार्रवाई की जाएगी।
- राजेंद्रसिंह, सीआई, जालोर
Published on:
03 Apr 2018 09:34 am
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