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कविता कोना : खेले राजस्थान जी, जीते राजस्थान जी

शिक्षाविद् संदीप जोशी

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 शिक्षाविद् संदीप जोशी

शिक्षाविद् संदीप जोशी


शिक्षाविद् संदीप जोशी

गांव गली में धूम मची हैं, खेलों के त्योहार कीखेले राजस्थान जी, जीते राजस्थान जी।।

ग्रामीण ओलंपिक का अवसर, आओ खेले सब मिलकरस्नेह, प्रेम और खेल भावना, फिर विकसाये सब मिलकर।।

खेलेंगे तो स्वस्थ रहेंगे, स्वस्थ रहेगा राजस्थानविश्व पटल पर चमक उठेगा, अपना प्यारा हिंदुस्तान।।

खेले राजस्थान जी, जीते राजस्थान जी.....।।1।।खो-खो किरकिट खेल कबड्डी, खेलें हाकी वालीबॉल

खेल भावना मन में भरकर, आओ खेलें शूटिंग बाल।।मन को भाये वो हम खेलें, ओलम्पिक के खेल में

सच्चा सुख है इस जीवन का, प्रेम भाव के मेल में।।खेले राजस्थान जी, जीते राजस्थान जी ।। 2।।

खेल जगत में अपना जालोर, धूम मचाए यह संकल्पग्रामीण ओलंपिक से लेकर, विश्व खेल तक यह संकल्प।।

माता बहनों युवा वृद्ध में, जोश जगा है खेलों कागाँव गली में फिर से आया, देखो मौसम मेलों का।।3।।

खेले राजस्थान जी...जीते राजस्थान जीगाँव गली में धूम मची हैं, खेलो के त्योहार की..

खेले राजस्थान जी...जीते राजस्थान जी..