
राज्य के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया, राज्य के जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया एवं श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई व राज्य गौसेवा आयोग अध्यक्ष एवं बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने जिले में फैल रही लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम को लेकर पशुपालन विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयासों के संबंध में पथमेड़ा गोशाला में बैठक लेकर जानकारी प्राप्त की।
जालोर.
राज्य के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया, राज्य के जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया एवं श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई व राज्य गौसेवा आयोग अध्यक्ष एवं बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने जिले में फैल रही लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम को लेकर पशुपालन विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयासों के संबंध में पथमेड़ा गोशाला में बैठक लेकर जानकारी प्राप्त की।
बैठक में गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि लंपी स्किन डिजीज से गोवंश को बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने लंपी संक्रमण के संबंध में पंचायत स्तर तक आमजन एवं पशुपालकों को जागरुक करने की बात कही। गोपालन मंत्री ने गोशालाओं को मच्छर, मक्खी से मुक्त करने के लिए पशुओं पर साइपरमैथ्रिन का छिड़काव किए जाने के साथ ही जिले में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, बीमार पशुओं की उचित देखभाल करने, आम जन पशुपालकों को जागरुक करने के साथ आवश्यकतानुसार चिकित्सा दलों की नियुक्ति के निर्देश दिए। अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि जिले की सभी गोशालाओं में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों एवं गठित पशुपालन विभाग की टीमों से नियमित सर्वे कर संक्रमित पशुओं का उपचार किया जा रहा है। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, सांचौर उपखण्ड अधिकारी शैलेन्द्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दशरथ सिंह व तहसीलदार रामस्वरूप जौहर सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, गौसेवा संचालन समिति के सदस्य एवं विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।
पालड़ी व पथमेड़ा गोशाला की जांची व्यवस्थाएं
गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने पालड़ी स्थित गोशाला पहुंच व्यवस्थाएं देखी तथा आवश्यक निर्देश दिए। गोपालन मंत्री, प्रभारी मंत्री, श्रम राज्य मंत्री व राज्य गोसेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन ने पथमेड़ा गोशाला में भी पहुंचकर व्यवस्थाओं को देखा तथा आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही संक्रमित पशुओं की पहचान करने और बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखने, उपचार करने व पशुओं को पौष्टिक आहार देने, नियमित फोगिंग करने, चारे में नीम की पत्तियां शामिल करने की बात कही।
Published on:
12 Aug 2022 08:47 pm
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