
Narmada Quality lab in Golasan Sanchore used by Contractor
सांचौर. सरकार की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर आमजन की सुविधा के लिए निर्मित किए जाने वाले भवनों का अगर दुरुपयोग होते देखना है तो नर्मदा विभाग से अच्छी जगह आपको शायद ही कहीं मिलेगी। जी हां यह सोलह आने सच है। नर्मदा नहर परियोजना के तहत हो रहे निर्माण कार्यों के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए इन भवनों का दुरुपयोग विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। जानकारी के अनुसार गोलासन में सांचौर लिफ्ट कैनाल से सटे पंप हाऊस व विद्युत स्टेशन के पास विभाग की ओर से करीब पांच साल पूर्व क्वालिटी कन्ट्रोल के लिए करोड़ों की लागत से भवन बना गया था, लेकिन आज दिन तक उसमें ना तो सरकारी मशीनरी लगाई गई है और ना ही विभाग ने इसे अपने कब्जे में लिया है। अधिकारियों की मेहरबानी के कारण क्वालिटी कन्ट्रोल लेब में अवैध रूप से निजी ठेकेदारों ने अपना आशियाना बना रखा है। जबकि विभाग की ओर से यहां लाई गई मशीनों को कहीं कोने में पटक दिया है या फिर धूल चाटने के लिए बाहर रख दिया है। जिसकी ना तो अधिकारियों को परवाह है और ना ही विभाग इस मामले में कोई कार्यवाही करना जरूरी समझ रहा है। गोलासन में बने विभाग के सरकारी भवन में ठेकेदारों ने मनमर्जी से मशीनरी का पूरा सामान डाल रखा है। इतना ही नहीं इस भवन में ठेंकेदार के मजदूरों ने भी डेरा डाल रखा है। विभागीय अधिकारी अक्सर यहां दौरा करते हैं। इसके बावजूद यह सब कुछ नजर नहीं आ रहा है।
निजी ठेकेदार काम में ले रहा सरकारी बिजली
नर्मदा विभाग की ओर से निर्मित इस भवन में ठेकेदार व उसके कार्मिक बिजली का भी उपयोग कर रते हैं। जबकि इस सरकारी बिजली का बिल नर्मदा विभाग अदा कर रहा है। ठेकेदार जरूरत के मुताबिक मशीनरी चलाने के लिए बिजली का उपयोग कर रहा है, लेकिन उसे कोई रोकने-टोकने का वाला नहीं है।
सरकारी परिसर में चोरी की बजरी का स्टॉक
गोलासन के इस सरकारी भवन को ठेकेदारों ने ना केवल अपना आशियाना बना रखा है, बल्कि यहां गुजरात से राजस्व की चोरी कर लाई गई बजरी का भी स्टॉक कर रखा है। ऐसे में आमजन की सुविधा के लिए बनाए गए इन सरकारी भवनों का विभागीय उदासीनता के चलते जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है।
ऐसी क्या मजबूरी
करोड़ों की लागत से बने सरकारी भवनों का ठेकेदार लम्बे समय से उपयोग कर रहा है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी कार्यवाही को लेकर लाचार नजर आ रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो ठेकेदारों से कार्य करवाने के लिए इस प्रकार की व्यवस्था करना उनकी मजबूरी है। ताकि कार्य जल्दी पूरा हो सके। वहीं अधिकारियों का कहना है कि खाली पड़े भवनों उपयोग दुरुपयोग की श्रेणी में नहीं आता है।
इनका कहना है...
विभाग के खाली पड़े भवनों में ठेकेदार अस्थाई रूप से उसका उपयोग कर रहा होगा। जिसे हटाने को लेकर नोटिस दिया जाएगा। हालांकि नर्मदा के मरम्मत का कार्य जल्द पूरा हो। इसलिए वे सरकारी भवनों का उपयोग कर रहे हैं।
-वासुदेव चारण, एक्सईएन, नर्मदा नहर परियोजना, सांचौर
Published on:
24 Jan 2018 10:36 am
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