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जालोर में मासूमों में इस भयंकर बीमारी का प्रकोप

- प्रतिदिन 30 से 40 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित पहुंच रहे राजकीय अस्पताल में

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- प्रतिदिन 30 से 40 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित पहुंच रहे राजकीय अस्पताल में

- प्रतिदिन 30 से 40 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित पहुंच रहे राजकीय अस्पताल में

जालोर. मौसम में बदलाव मौसमी बीमारियों की भरमार लेकर आया है। हर उम्र, वर्ग के लोग फिलहाल इन बीमारियों की जद में है। इधर, 3 से 10 साल के बच्चों को वर्तमान में एक नई बीमारी ने चपेट में ले लिया है। हैंड-फुट-माउथ डिजीज (वायरस) का असर वर्तमान में बच्चों में देखने को मिल रहा है। इस बीमारी से ग्रसित 30 ेसे 40 बच्चे प्रतिदिन एमसीएच पहुंच रहे हैं। इस वायरस से बच्चों के मुंह में छाले, हाथ, पैर में फोड़े फुंसी होते हैं। बच्चे को बुखार भी आता है, जिसका असर दो दिन तक रह सकता है। यह एक संक्रमण है, जिसका उपचार चिकित्सकीय सलाह और त्वरित उपचार से संभव है। इस तरह के संक्रमित बच्चों को शुद्ध और ताजा भोजन देना चाहिए।

मच्छर नहीं यह वायरल
यह बीमारी बच्चों में एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है। इस बीमारी में बच्चे के हाथ, पैर और मुंह में फोड़े फुंसी होते है। जो फफोले जैसे बन जाते हैं और उसके बाद उनमें से मवाद या पानी निकलता है। इसी तरह बच्चे के मुंह में भी भी छाले इस बीमारी में होते हैं। जिसके बाद बच्चे को बुखार भी आता है। इस तरह का संक्रमण जिले में भी देखने को मिल रहा है। बच्चे को शुरुआती दिनों में ये फुंसियां होने पर अधिकतर अभिभावक इसे गंभीरता से नहीं लेते। चूंकि मौसम में बदलाव आया है तो परिजन मच्छर काटने को इसका कारण मान लेते है। जिसके बाद इस बीमारी का संक्रमण फैल जाता है।

शुद्धता आवश्यक, हाथ धुलाएं
बच्चों में इस बीमारी का असर होने पर करीब पांच से 7 दिन तक परेशानी हो सकती है। फोड़े फुंसी के साथ बुखार भी आता है। इस बीमारी का असर होने या बचने के लिए बच्चे को बार बार हाथ धुलाएं। दूसरे बच्चों के संपर्क में भी इस स्थिति में बच्चे को नहीं आने दें। उपचार ेलेने के साथ बच्चें को आराम करने दें।


ये है लक्षण
- इस बीमारी के असर से बच्चों को बुखार आता है
- मुंह, हाथ, पैर, पेट, कूल्हों, कोहनी पर पानी मवाद से भरे दर्दयुक्त छाले
- भूख नहीं लगना
- खांसी, उल्टी होना

पानी का भराव भी नहीं होने दें
बारिश की सीजन के चलते घरों के आस पास पानी का भराव भी हो चुका है। अब पानी के भराव से भी संक्रमण और बीमारियां फैलने का अंदेशा है। जिसका सर्वाधिक असर बच्चों पर देखने को मिलेगा। इस वायरल की चपेट में आए बच्चों के लिए घरों के आस पास पानी का भराव और गंदगी ज्यादा परेशानी का कारण बन सकती है। इसलिए पानी का भराव नहीं होने दें, जिससे मच्छर भी नहीं पनपेंगे।

इनका कहना
मौसमी बीमारियों का असर बढ़ा है। वहीं वर्तमान में हैंड, फुट माउथ डिजीज से भी बच्चे ग्रसित हो रहे है। इस बीमारी के संक्रमण से बच्चों के फोड़े फुंसी होते है और बुखार भी आता है।
- डॉ. मुकेश चौधरी, शिशु रोग विशेषज्ञ