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जालोर

पंचायत को एनओसी का पॉवर नहीं, फिर भी जारी कर रही है, जानिए क्यों

- ग्राम पंचायत को रजिस्ट्री के लिए एनओसी जारी करने पर ही रोक, मुड़तरा सिली में तो फर्जी एनओसी पर जारी की गई रजिस्ट्री

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जालोर. मुड़तरा सिली में फर्जी एनओसी के आधार पर रजिस्ट्री करने के मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। पहले स्तर पर एनओसी फर्जी पाई गई। इस प्रकरण में जहां ग्राम सेवक ने पंचायत की सील चोरी होने की बात कही थी, लेकिन मामले में विभागीय अधिकारी का कहना है कि इस प्रकरण के पहले और बाद की तारीख में ही ग्राम पंचायत की ओर से कई अन्य मामलों में एनओसी जारी की गई है। यह नियम कायदों का उल्लंघन है और आदेशों के विरुद्ध है। मामले के अनुसार 19 अपे्रल 2017 के ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग के उप शासन सचिव (विधि) की ओर से इस संदर्भ में आदेश जारी किया गया है। जिसके अनुसार पंचायतों द्वारा इस तरह से स्वामित्व प्रमाण पत्र या अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा सकते। लेकिन मुड़तरा सिली ही नहीं, जिलेभर में ग्राम पंचायत स्तर यह प्रक्रिया चल रही है, जो फर्जीवाड़े को बढ़ावा दे रही है।
यह है आदेश
ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं स्तर पर स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा किसी निजी भवन के विक्रय आदि के संबंध में संबंधित पक्षकार को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है राजस्थान पंचायती अधिनियम 1994 एवं राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 में इस तरह के प्रमाण पत्र ग्राम पंचायतों द्वारा जारी किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
यहां पर भी सांठगांठ
ग्राम पंचायत स्तर पर भी गड़बड़ी की गई है। मुड़तरा सिली के भोपाराम के मामले में 109 डिस्पेस नंबर पर एनओसी जारी नहीं होने की बात सामने आ रही थी और ग्राम विकास अधिकारी ने इसे फर्जी बताया था। लेकिन उन्हीं की ओर से आईटीआई के तहत जारी की गई डिस्पेच रजिस्टर की सत्यापित कॉपी में 113 नंबर पर एक अन्य एनओसी जारी की गई है। जिसकी एंट्री सत्यापित कॉपी में दर्ज है। हालांकि एनओसी के डिस्पेच क्रमांक पर कांट छांट दिखाई दे रही है। इसलिए इसकी सत्यता पर भी प्रश्न चिह्न है, लेकिन पूरे मामले में यह साफ है कि चूंकि ग्राम पंचायत की ओर से इस तरह की एनओसी जारी नहीं की जा सकती और इस पर रोक है तो फिर किस अधिकार के तहत ऐसा किया जा रहा है। सीधे तौर पर ग्राम पंचायत स्तर पर और उसके बाद उप पंजीयक कार्यालय में नियमों की अवहेलना कर ऐसा किया जा रहा है।
यह हैं जांच का विषय
– एनओसी जारी करने पर रोक के बाद भी नियमों का उल्लंघन क्यों?
– ग्राम विकास अधिकारी का कहना है कि एनओसी वे नही ंजारी कर रहे तो फिर कौन जारी कर रहा?
– 19 अपे्रल 2017 के आदेश के बाद कितनी एनओसी जारी की गई और इन पर कितनी रजिस्ट्री जारी हुई?
– नियम विरुद्ध एनओसी से कितनी रजिस्ट्री की गई?
इनका कहना
जब पंचायतों को एनओसी जारी करने का अधिकार नहीं है तो इस तरह से धड़ल्ले से एनओसी क्यों जारी की जा रही है। पंचायत स्तर पर उच्च निर्देशों की पालना की जानी चाहिए।
– कल्पेश जैन, नायब तहसीलदार, रामसीन
जानकारी है
आदेश के अनुसार एनओसी जारी करने पर रोक के आदेश की जानकारी है। सील चोरी होने के दौरान उससे फर्जी एनओसी जारी की गई है। मैंने किसी तरह की एनओसी जारी नहीं की।
– रामकिशन, ग्राम विकास अधिकारी , मुड़तरा सिली