24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिना जमीन के ही पीडब्ल्यूडी ने जारी कर दिया दस करोड़ का टेंडर

सांचौर में आईटीआई कॉलेज निर्माण के लिए सरकार ने जारी की थी 10 करोड़ की स्वीकृति, ना सार्वजनिक निर्माण विभाग इस पर ध्यान दे रहा और ना ही जनप्रतिनिधि दि

3 min read
Google source verification
jalorenews

सांचौर में आईटीआई कॉलेज निर्माण के लिए सरकार ने जारी की थी 10 करोड़ की स्वीकृति, ना सार्वजनिक निर्माण विभाग इस पर ध्यान दे रहा और ना ही जनप्रतिनिधि दिखा रहे रुचि

सांचौर. क्षेत्र में सरकारी कॉलेज खुलना तो दूर राज्य सरकार की ओर से दो साल पूर्व आईटीआई कॉलेज के निर्माण के लिए जारी किए १० करोड़ जमीन के अभाव में कुछ काम नहीं आ रहे हैं। इसको लेकर ना तो विभाग इसे गम्भीरता से ले रहा है और ना ही जनप्रतिनिधि इसमें रुचि दिखा रहे हैं।
जिसकी वजह से सांचौर क्षेत्र को मिली आईटीआई की सौगात आज भी अधूरी रह गई है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष २०१३-१४ के तहत कार्यालय प्राविधिक शिक्षा निदेशालय राजस्थान जोधपुर की ओर से ४ अक्टूबर २०१६ को आदेश जारी कर राज्य में ४५ नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के भवन निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी। जिसमें प्रति संस्थान ९९७.५७ लाख रुपए स्वीकृत किए गए। इससे पहले २३ सितम्बर २०१६ को जोधपुर में हुई निदेशालय की बैठक में ४५ में से २३ आईटीआई का निर्माण कार्य पीडब्ल्यूडी से करवाना प्रस्तावित किया गया और इसके लिए बजट भी जारी कर दिया गया था, लेकिन विभागीय ढिलाई की बदौलत स्वीकृति के दो साल बाद भी यहां आईटीआई कॉलेज के लिए भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। खास बात तो यह है पीडब्ल्यूडी ने भवन निर्माण के लिए करोड़ों के टेंडर कर वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिए, लेकिन धरातल पर इसका कुछ अता-पता भी नहीं है। वहीं अधिकारी भी अब जिम्मेदारी लेने के बजाय भूमि उपलब्ध नहीं होने का बहाना बनाकर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
सरवाना में ढूंढी, पर निकली दलदली
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने इसके लिए सरवाना सरहद में जमीन तलाश कर टेस्टिंग करवाई, लेकिन यह जमीन दलदली होने के कारण यहां निर्माण नहीं करवाया जा सकता था। उसके बाद अधिकारियों ने कहीं और जमीन की तलाश नहीं की और ना ही जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में सक्रियता दिखाई।
सिवायचक होनी चाहिए जमीन
सरकार की ओर से तय मापदण्डों के अनुसार आईटीआई कॉलेज के लिए १२ बीघा जमीन होने के साथ उसकी किस्म सिवायचक होनी चाहिए। ऐसी जमीन उपलब्ध होने पर ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है।
चितलवाना में कार्य प्रगति पर
सांचौर व चितलवाना में आईटीआई की स्वीकृति के बाद चितलवाना पंचायत समिति क्षेत्र में भूमि का चिह्निकरण तक कर लिया गया और रामपुरा मार्ग पर पीडब्ल्यूडी ने निर्माण कार्य भी शुरू करवा दिया, लेकिन दो साल बाद भी सांचौर में इसके लिए अधिकारी जमीन तक ढूंढनहीं पाए हैं।
साधारण सभा में उठा था मामला
सांचौर में आईटीआई कॉलेज के लिए भवन निर्माण का मामला स्थानीय पंचायत समिति की साधारण सभा में भी उठाया गया था। इसके बावजूद किसी भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। उपखंड क्षेत्र में आईटीआई कॉलेज नहीं होने से अधिकांश युवाओं को अन्यत्र भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है।
यहां खाली पड़ी है जमीन
प्रशासन व जनप्रतिनिधि अगर इस मामले में रुचि दिखाते हैं तो क्षेत्र के धमाणा, पालड़ी, कारोला, प्रतापपुरा, डेडवा, डावल, गोलासन, भड़वल, अरणाय, धानता, लियादरा, चौरा, जाखल, हरियाली, खारा, बावरला, डभाल, हाड़ेतर, प्रतापुपरा व दाता सहित कई गांवों में खाली पड़ी जमीन का चिह्निकरण किया जा सकता है।
इनका कहना...
मापदण्डों के अनुसार विभाग जहां चाहता है वहां निर्माण की स्वीकृति देने में कोई परेशानी नहीं है। भूमि आंवटन को लेकर विभाग को अगर कोईसमस्याएं आ रही है तो पूर्ण रूप से इसमें सहयोग किया जाएगा।
-टाबाराम मेघवाल, प्रधान, पंचायत समिति, सांचौर
आईटीआई कॉलेज भवन के निर्माण के लिए राज्य सरकार से १० करोड़ का बजट स्वीकृत हो रखा है। जिसके लिए विभाग ने टेंडर भी जारी कर दिए हैं। जमीन के अभाव में कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जमीन उपलब्ध होते ही निर्माण कार्य शुरू करवा देंगे। वैसे सरवाना में दलदली जमीन होने से चिह्निकरण नहीं किया गया। पंचायत समिति की बैठक में भी मुद्दा रखा था, जिसमें सभी जनप्रतिनिधि मौजूद थे, लेकिन किसी ने रुचि नहीं दिखाई।
- मदनलाल कलबी, एईएन, पीडब्ल्यूडी, सांचौर
आईटीआई कॉलेज के लिए अगर विभाग के पास पर्याप्त जमीन की समस्या है तो जल्द ही इसका समाधान करवाएंगे। ताकि स्थानीय युवाओं को इसका लाभ मिल सके।
-जीवाराम चौधरी, पूर्व विधायक, सांचौर


बड़ी खबरें

View All

जालोर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग