scriptअभी जवाई बांध 40 फीट खाली, मानसून में चाहिए 10 इंच बारिश, तभी होगा लबालब | Rajasthan News: Right now Jawai dam is 40 feet empty, waiting for monsoon rain | Patrika News
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अभी जवाई बांध 40 फीट खाली, मानसून में चाहिए 10 इंच बारिश, तभी होगा लबालब

Rajasthan News: जवाई बांध के पानी पर जालोर के हक निर्धारण की बात चल रही है। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है।

जालोरJun 08, 2024 / 01:16 pm

Rakesh Mishra

Rajasthan News: पिछले साल भारी बारिश के बाद जवाई बांध में पानी की भरपूर आवक के बाद प्रवाह क्षेत्र में पानी छोड़ने से सर्वाधिक फायदा जालोर जिले को हुआ। किसान इस बार भी अच्छे जमाने की आस में आसमान में नजरें गड़ाए बैठे हैं। दूसरी तरफ सभी की नजरें जवाई के गेज पर भी है। अभी सीजन शुरू होने में करीब 30 दिन बचे हैं और जवाई बांध 40 फीट तक खाली है। पिछले साल की बात करें तो पहले बिपरजॉय चक्रवात के दौरान और उसके बाद अच्छी बारिश से जवाई बांध में पानी की खूब आवक हुई और पूरी क्षमता तक बांध भरा। उसके बाद 40 दिन तक गेट खुले रहने से जालोर के कृषि क्षेत्र को खासा फायदा हुआ और करीब पांच साल से बंद पड़े कृषि कुएं भी शुरू हो गए। बता दें जवाई सिंचाई परियोजना से पाली जिले के 33 राजस्व गांव तो जालोर के 24 गांव लाभान्वित होते हैं।

9 एमसीएफटी पानी उपयोग आ रहा

जवाई बांध के पानी पर कृषि क्षेत्र की निर्भरता तो जालोर और पाली जिले को समान रूप है। जबकि पेयजल स्कीस की बात करें तो इसका पानी पेयजल के लिए पाली जिले में होता है। कुल 10 शहर और 780 गांवों के लिए 9 एमसीएफटी पानी रोजाना पानी उपभोग हो रहा है। इस प्रोजेक्ट में सुमेरपुर के 33 गांव कस्बे शामिल हैं।

जालोर की नजर क्यों

जवाई बांध के पानी पर जालोर के हक निर्धारण की बात चल रही है। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। जनहित याचिका पर रिपोर्ट मांगी गई है। इस पूरे मसले में अहम यह भी है कि बांध का पानी जवाई नदी प्रवाह क्षेत्र में नहीं छोड़ने से जालोर का कृषि क्षेत्र पूरी तरह से नष्ट होने के कगार पर है। इसलिए जवाई बांध के पानी पर जालोर के बड़े क्षेत्र की निर्भरता है।

इन सालों में भारी बारिश के दौरान खुले जवाई के गेट

जवाई बांध के गेट भारी बारिश के बाद पानी की अचानक आवक के दौरान ही खुले हैं। पिछले साल भी गेट के ऊपर से पानी बह रहा था और उसके बाद अचानक पानी की आवक पर गेट खोले गए। जवाई के इतिहास की बात करें तो वर्ष 1973, 1990, 1992, 1993, 1994, 2006, 2006, 2007 और 2023 में जवाई के गेट खुले।

फैक्ट फाइल

● 7327.50 एमसीएफटी जवाई बांध की कुल भराव क्षमता
● 495.50 एमसीएफटी डेड स्टोरेज बांध में
● 2300 एमसीएफटी पानी की आवक सेई से होती है
● 90 दिन का पानी पेयजल स्कीम के लिए मौजूद
● 38 हजार हैक्टेयर क्षेत्र पाली और जालोर जिले का कृषि क्षेत्र जवाई पर निर्भर
● 12 हजार हैक्टेयर जवाई कमांड क्षेत्र आहोर का लाभान्वित होता हैॉ
वर्तमान में जवाई बांध में 21.25 फीट पानी मौजूद है। पेयजल स्कीस में पानी दिया जा रहा है। बांध का डेड स्टोरेज 495 एमसीएफटी से कुछ अधिक है। बांध में पानी की आवक मानसून की सक्रियता पर निर्भर करेगी।
  • अशोक पूनिया, जेईएन, जवाई बांध

एक्सपर्ट व्यू… लीफ सेप खतरे का कारण

जवाई बांध का धरातल विचित्र है, कई मौकों पर पानी की आवक अचानक से हुई और समय पर गेट खोलने का मौका तक नहीं मिला। बांध की बनावट लीफ सेप (पत्ती का आकार) में है। वर्ष 1989 में बांध शून्य गेज पर था और बारिश शुरू हुई। करीब 8 से 9 घंटों में 13 इंच बारिश में ही बांध जीरो से 60 फीट तक पहुंच गया था। जरुरी है कि एक तय गेज के बाद पानी प्रवाह क्षेत्र में समय पर ही छोड़ दिया जाए।

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