
करीब सात माह पूर्व नगदी व गहने चोरी के मामले में सांचौर पुलिस पर मामले को रफा-दफा करने व आरोपितों को बचाने की एवज में एक लाख ४ हजार रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगा है।
सांचौर. करीब सात माह पूर्व नगदी व गहने चोरी के मामले में सांचौर पुलिस पर मामले को रफा-दफा करने व आरोपितों को बचाने की एवज में एक लाख ४ हजार रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगा है। यह रिश्वत की राशि देने का आरोप प्रार्थी ने ५०० रुपए के शपथ-पत्र पर देने के बावजूद कार्रवाई की बजाय पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल कर इस मामले में आरोपित पुलिसकर्मी को क्लीनचीट दे दी है। मामले में जांच अधिकारी जरुरत बदला जा चुका है, लेकिन अभी तक मामले में कोई नतीजा नहीं निकला है और आरोपित जेल के बाहर है। मामले के अनुसार सांचौर थाने में प्रकरण संख्या ०२६५/१७ में पुलिस ने आरोपी चार युवकों को गिरफ्तार किया था। जिसमें दिनेश चौधरी, पोपट सोनी, श्रवण माली, विक्रम पुरोहित को चोरी के मामले में हिरासत में लिया था। इस मामले में पोपट सोनी चोरी के गहने खरीदने का आरोपित था। जबकि शेष 3 चोरी के आरोपित थे। एक शपथ पत्र चोरी के गहन खरीदने वाले पोपट सोनी ने अपने बचाव में पेश किया था, जबकि दूसरा शपथ पत्र श्रवण माली ने पुलिस को पेश किया था, जिसमें 1 लाख 4 हजार रुपए रिश्वत लेने का उल्लेख भी है। मामले में आरोपियों द्वारा पुलिस के समक्ष चोरी की वारदात को भी कबूला गया। इस दौरान पुलिस ने आरोपियों से नगदी व आभूषण बरामद नहीं किए गए और पूछताछ तक नहीं की गई। पुलिस द्वारा इस मामले में हिरासत में लिए गए श्रवण पुत्र किशनलाल माली निवासी निवासी सांचौर ने ५०० रुपए का शपथ-पत्र देकर जांच अधिकारी शेराराम को विक्रम को बचाने के लिए १ लाख 4 हजार रुपए दिए थे। मामला लिखित में आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की बजाय शपथ-पत्र को डस्टबिन में डाल मामले को रफा- दफा कर दिया। अब जब मामला प्रकाश में आया तो पुलिस क्त शपथ- पत्र को झूठा बताकर पर्दा डालने की कोशिश में जुट गई है। वहीं दूसरी ओर एक लाख चार हजार रुपए बतौर रिश्वत के एसआई शेराराम द्वारा लेने के बाद भी मामले को दबाने पर पुलिस की साख दांव पर लग गई है।
गहने खरीदना स्वीकारा
मामले में रिश्वत लेकर मामले को दबाया गया। मामले में आरोपियों द्वारा चोरी किए गए सोने- चांदी के आभूषण पोपटलाल पुत्र कनाजी सोनी हाल दोसियावास सांचौर ने उनसे खरीदना कबूल किया है। जिसको लेकर उसने पुलिस को लिखित में शपथ-पत्र भी दिया है। किन्तु उसके बावजूद पुलिस न तो उक्त आभूषण रिकवर कर पाई और न ही नगदी आरोपियों से वसूल पाई।
तो जांच बदली
डबाल में चोरी के मामले की फाइल ही पुलिस महकमे में कहीं दब चुकी है। पीडि़त द्वारा पिछले सात माह से ज्यादा वक्त से न्याय की मांग को लेकर पुलिस थाने के चक्कर काटे जा रहे है, किन्तु पुलिस द्वारा हर बार जांच के बहाने उसे लौटाया जा रहा है।
इनका कहना
&नगदी-आभूषण चोरी प्रकरण की जांच मेरे पास थी। मेरे पर 1 लाख ४ हजार रिश्वत लेने का जो लिखित शपथ- पेश किया गया था, वह पूर्णतया गलत है। मेरे खिलाफ झूठा शपथ-पत्र देने वाले के खिलाफ मैं क्या कार्रवाई करुं, भगवान ही कार्रवाई करेगा। वैसे वह मामला निपट गया है।
- शेराराम, एसआई, पुलिस थाना सांचौर
&मेरे घर के मकान से 7 जुलाई 2017 को नगदी व गहने चोरी हो गए थे। जिसका प्रकरण सांचौर पुलिस थाने में दर्ज करवाया था। जिसमें लिप्त आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। किन्तु रिश्वत लेकर मामले को रफा- दफा कर दिया गया। जबकि वारदात करने वाले आरोपियों ने लिखित में वारदात कबूली है। किन्तु पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
-नरसीराम चौधरी, डबाल, पीडि़त
Published on:
25 Mar 2018 09:18 am
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