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बिल्व से शिव का अलौकिक शृंगार: ‘त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रयायुधम

'त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रयायुधम। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम। सिरे मंदिर में इन दिनों महाराज का चातुर्मास चल रहा है, जिससे श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।

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सिरे मंदिर में गंगानाथ महाराज बिल्व पत्र से अर्चन करते हुए

जालोर.सिरे मंदिर स्थित शिवालय में बिल्व से शिव का अलौकिक शृंगार का दृश्य नजर आया। 'त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रयायुधम। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम।Ó अर्थात, तीन दल वाला, सत्व, रज एवं तम स्वरूप, सूर्य-चन्द्र-अग्नि त्रिनेत्ररूप और आयुधत्रय स्वरूप तथा तीनों जन्मों के पापों को नष्ट करने वाला बिल्वपत्र मैं भगवान शिव को समर्पित करता हूं। भाद्रपद मास का यह मनोरम दृश्य सिरे मंदिर स्थित शिवालय का है। श्रावस मास में यहां काफी भीड़ रहती है। सावन मास पूरा होने के साथ अब यहां भीड़ कुछ हुई है। बुधवार सवेरे की मंगल आरती से पूर्व यह अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब स्वयं गंगानाथ महाराज शिवलिंग का बिल्व पत्र से अर्चन कर रहे थे। सिरे मंदिर में इन दिनों महाराज का चातुर्मास चल रहा है, जिससे श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। दिनभर भाविकों की आवाजाही लगी रहती है। श्रद्धालुओं में प्रतिदिन शिव के दर्शन एवं वंदन करने के साथ ही महाराज का आशीर्वाद लेने की मानों होड़ सी मची रहती है।
शिव महिमा कथा का आयोजन
बागोड़ा. धुंबडिय़ा गांव के दूदेश्वर महादेव मंदिर में शिव पुराण कथा का आयोजन कथा वाचक कीर्ति भाई जोशी ने किया। कथा के तहत शिव-विवाह का प्रसंग की प्रस्तुति दी। कलाकारों की ओर से शिव-विवाह के झांकियां की प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा का वाचन करते हुए कीर्तिभाई ने कहा कि कथाओं के श्रवण से मनुष्य का नैतिक उत्थान होता है। शिव महिमा कथा के आयोजन से गांव सहित क्षेत्र में खुशहाली व समरसत्ता का भाव पैदा होता है। उन्होंने कहा कि शिव की साकार व निराकार रूप में पूजा होती है। इस मौके मदनसिंह राव, भड़ाराम माली, सोहनराज सोनी, पुखराज दवे, रमेश दवे, गणेशाराम व लालाराम देवासी समेत कई मौजूद थे।
नशा नाश का द्वार है-आचार्य
सरनाऊ (सांचौर). जंभेश्वर मंदिर में चल रही जांभाणी हरिकथा के प्रथम दिन आचार्य डॉ. गोवर्धनराम ने प्रवचन में कहा कि नाश का प्रमुख कारण नशा है। नशे को त्यागने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भगवान जांभोजी ने भी नशावृति से दूर रहने की बात कही है। नशे की जद में आने वाला समाज से कट जाता है। लोग उसे बुलाना भी पसंद नहीं करते। नशा करने वाला शारीरिक व मानसिक रूप से खोखला हो जाता है। समाज विकास के लिए नशे का त्याग करने, जन जागरूकता लाने, बच्चों में संस्कारों का सिंचन करने पर जोर दिया। इस दौरान डीएसपीओमप्रकाश उज्जवल ने भी पुलिस की ओर से चलाई जा रही नशामुक्ति मुहिम के बारे में जानकारी दी।