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छावनी बना रहा संत का आश्रम क्षेत्र, पोस्टमार्टम के बाद शाम को कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच आश्रम परिसर में संत को समाधि

  - लोगों ने विरोध में लगाए नारे रास्ता भी जाम किया, पुलिस को हलका बल प्रयोग करना पड़ा

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   - लोगों ने विरोध में लगाए नारे रास्ता भी जाम किया, पुलिस को हलका बल प्रयोग करना पड़ा

- लोगों ने विरोध में लगाए नारे रास्ता भी जाम किया, पुलिस को हलका बल प्रयोग करना पड़ा

जालोर/ जसवंतपुरा. जसवंतपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुंधा माता तलहटी स्थित बाला हनुमान आश्रम के संत के आत्महत्या करने के बाद 30 घंटे से अधिक समय तक पेड़ पर ही उनका शव झूलता रहा। मामले में समझाइश के बाद हालांकि शनिवार को हालांकि लोग पोस्टमार्टम लिए राजी हो गए और जसवंतपुरा स्थित मोर्चरी में पोस्टमार्टम करवाया गया, लेकिन उसके बाद संत की समाधि को लेकर दिनभर विवाद इस कदर गहराया कि पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया। मौके पर ग्रामीणों और महिलाओं का जमघट लग गया। राजपुरा-सुंधा माता मार्ग को ग्रामीणों ने अवरुद्ध कर दिया और भीनमाल विधायक और आरोपियों के खिलाफ नारेबाजी की। हालात बेकाबू होते देख मौके पर पुलिस ने भीड़ को खदेडऩे का प्रयास किया और उसके बाद हलका बल प्रयोग भी किया। शाम को गांव के लोगों और संत समुदाय के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा।

पहले विधायक की जमीन में खोदी, फिर मंदिर परिसर में समाधि
सवेरे से ही आश्रम परिसर और उसके आस पास भीड़ जमा हो गई। संभावित हालातों को देखते हुए मौके पर पुलिस जाब्ता तैनात रहा। इधर, आक्रोशित लोगों और श्रद्धालुओं ने संत की समाधि के लिए विधायक पूराराम की खातेदारी क्षेत्र में समाधि की खुदाई कर दी, लेकिन संत समुदाय और गांव के प्रबुद्धजनों के हस्तक्षेप के बाद समाधि आश्रम परिसर में ही देने पर सहमति बनी।

इन मांगों पर आश्वासन के बाद सहमति
इस पूरे मामले में भीनमाल विधायक, उनके चालक व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। जिस पर एएसपी दशरथसिंह, एसडीएम राजेंद्रसिंह चांदावत समेत पुलिस के अन्य अधिकारियों ने समझाइश की। कांगे्रस युवा नेता श्रवणसिंह दासपा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मामले की जांच सीआईडी-सीबी से करवाने, आश्रम का पट्टा जारी करवाने, 30 फीट रास्ता आश्रम के लिए बहाल करवाने के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस अधिकारियों की ओर से मामले में उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद मामला शाम को सुलझा।

यहां तनाव हुआ, लेकिन पुलिस ने संयम बरता
विरोध और विवाद के बीच दोपहर में राजपुरा-सुंधा माता रास्ते पर सैकड़ों की संख्या में लोगों का जमघट लग गया। इस दौरान मौके पर तैनात एक पुलिस कर्मी के सिर पर एक पत्थर आकर लगा। पुलिस ने मामले में संयम बरता और लोगों को हलका बल प्रयोग करते हुए धकेल दिया। यह रास्ता करीब 30 मिनट तक अवरुद्ध रहा।

भाजपा की चुप्पी पर सवालिया निशान: पाराशर
जन अभाव अभियोग निराकरण समिति अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने बयान जारी कर कहा कि इस घटना की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट बरामद किया है। इस नोट में भाजपा विधायक पर आरोप लगा है। भाजपा की चुप्पी भी संदेह उत्पन्न करने वाली है। मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि इसमें कोई भी दोषी हो, उसके खिलाफ कड़ी क़ानूनी कार्यवाही की जाए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राजस्व मंत्री रामलाल जाट, जनजाति विकास मंत्री अर्जुन बामणिया व प्रदेश कांग्रेस सचिव भूराराम सिरवी को घटनास्थल पर पहुंच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

इनका कहना
शाम को समझाइश के बाद मामला शांत हो गया। मांग पत्र पर सहमति के बाद सर्वसम्मति से शाम को आश्रम परिसर में ही संत को समाधि दे दी गई। प्रकरण की जांच के साथ अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
- हर्षवर्धन अग्रवाला, एसपी, जालोर