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श्मशान के लिए जो स्थान आरक्षित वहां अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद, रेकर्ड देखने के बाद वहीं अंतिम संस्कार

- सीएमएचओ ऑफिस के सामने रणछोडऩगर रोड का मामला, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे मौके पर, सहमति के बाद हो पाया दाह संस्कार

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jalorenews

- सीएमएचओ ऑफिस के सामने रणछोडऩगर रोड का मामला, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे मौके पर, सहमति के बाद हो पाया दाह संस्कार


जालोर. शहर के भीनमाल रोड पर सीएमएचओ ऑफिस के सामने रणछोडऩगर रोड पर दाह संस्कार के दौरान विवाद खड़ा हो गया। मामले की जानकारी पुलिस और प्रशासन को मिलने पर वे मौके पर पहुंचे। जानकारी के अनुसार रणछोडऩगर गांव में एक बुजुर्ग की शनिवार को मौत हो गई। जिस पर समाज के लोग शव यात्रा के रूप में वहां से सीएमएचओ ऑफिस के निकट पहुंचे। समाज के लोगों ने जैसे ही चिता तैयार की तो पास में बन रही कॉलोनी निर्माता पहुंचे और उन्हें रोका। उनका कहना था कि यह क्षेत्र अंतिम संस्कार के लिए नहीं है और इसके लिए प्रशासन को पूर्व में भी अवगत करवाया जा चुका है। उनका कहना था कि आज तक इस स्थान पर दाह संस्कार नहीं हुआ तो अब यह कैसे संभव है। इधर, देवासी समाज के लोगों का कहना था कि यह लेटा ग्राम पंचायत के अंतर्गत क्षेत्र आता है और बकायदा यहां एक बीघा जमीन श्मशान घाट के आवंटित है। एसडीएम सिसोदिया के निर्देश पर आरआई मौके पर रेकर्ड लेकर पहुंचा और जांच में सामने आया कि जिस स्थान पर विवाद चल रहा था वहां एक बीघा जमीन शमशान के लिए आरक्षित है। वहीं डवलपर का कहना था कि यह क्षेत्र उनके अंतर्गत है, लेकिन शव को पड़ा रखना गलत है। इसलिए दाह संस्कार कर दिया जाए, लेकिन देवासी समाज के लोग नहीं माने।
विभिन्न स्तर पर समझाइश पर रेकर्ड पर सहमति
पहले स्तर सीआई राजेंद्रसिंह राठौड़ मौके पर पहुंचे और उन्होंने समझाइश का प्रयास किया, लेकिन समाज के लोग जमीन की पैमाइश पर अड़ गए। सूचना पर पुलिस उप अधीक्षक नरेंद्र कुमार दवे भी पहुंचे और उन्होंने भी विफल प्रयास किया। उन्होंने समाज के लोगों से कहा कि दाह संस्कार कर दें यदि जमीन उनके लिए आवंटित है तो पैमाइश करवा दी जाएगी, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। सूचना पर एसडीएम राजेंद्रसिंह सिसोदिया ने भी मौके पर पहुंचे। समझाइश पर मामला नहीं बनता देख आरआई से मौका रेकर्ड के लिए नक्शा नगटा मंगवाया गया। आरआई से जानकारी लेने के बाद जमीन शमशान घाट के लिए आवंटित पाई गई। मामला देखने के बाद एसडीएम ने समझाइश की। पूर्व में चिता को पूर्व में डवलपर की सीमा से सटकर बनाया गया था, लेकिन समझाइश के बाद चिता के स्थान को 10 फीट दूरी पर स्थानांतरित किया गया।
समाज का आरोप जमीन श्मशान के लिए, डवलर हमनें शिकायत की
करीब डेढ घंटे चले विवाद में देवासी समाज रेकर्ड मंगवाकर पैमाइश करवाने पर अड़े रहे। दूसरी तरफ डवलर का कहना था कि पिछले दो दशक में यहां कभी अंतिम संस्कार नहीं हुआ, बल्कि यहां से वह स्थान दूर है। इधर, बहसबाजी बढऩे और सूर्यास्त नजदीक देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने देवासी समाज को सामाजिक पक्ष और हिंदू धर्म की मान्यताओं का हवादा देते हुए समझाइश की। डवलपर का कहना था कि इस मामले में दो दिन पूर्व ही नगरपरिषद और कलक्टर को ज्ञापन सुपुर्द किया गया था, लेकिन इस बीच यह मामला बिगड़ गया।
बढ़ाना पड़ा पुलिस जाब्ता
मामले की शिकायत पर पहले स्तर पर सीआई पहुंचे, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। जिस पर आखिर में मौके पर पुलिस का अंतिरिक्त जाब्ता बुलाना पड़ा, हालांकि अंत में सहमति पर दाहसंस्कार हो गया।
स्थानीय लोगों ने भी जताया विरोध
बहस बाजी के बीच यहां पिछले दो दशक से रहने वाले लोगों ने भी इस स्थान पर दाह संस्कार का विरोध जताया। उनका कहना था कि पिछले दो दशक में उन्होंने इस स्थान पर कभी दाह संस्कार होते नहीं देखा। अब अचानक उनके घर के मुहाने पर ही दाहसंस्कार क्यों किया जा रहा है।
यह है इस क्षेत्र की भौगोलिक हकीकत
यह क्षेत्र पूर्व में प्राकृतिक बहाव क्षेत्र रहा है और बारिश के दिनों में यहां पानी का बहाव अधिक रहता था। लेकिन यह खातेदारी की जमीन थी। पिछले करीब दो साल से यहां डवलर कॉलोनी निर्माण के लिए कार्य चला रहे हैं। हालांकि पूर्व में यह क्षेत्र वीरान ही था।