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हिंदी भाषा के महत्व को इस तरह से समझाया

विद्यार्थियों ने कविताओं की प्रस्तुति

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विद्यार्थियों ने कविताओं की प्रस्तुति

विद्यार्थियों ने कविताओं की प्रस्तुति

भीनमाल. शहर के आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय में हिन्दी दिवस पर बाल काव्य गोष्ठी हुई। इस मौके प्रधानाचार्य नरेन्द्र आचार्य ने हिन्दी के जानकारी दी। डॉ. दीपक परमार ने कहा कि वर्तमान में हिन्दी का महत्व बढ़ रहा है। हिन्दी में बिंदी के महत्व को भी समझना पड़ेगा। आज सिनेमाई संस्कृति के माध्यम से हिन्दी का प्रचार-प्रसार तेजी से हो रहा है। प्रधानाचार्य नरेन्द्र आचार्य ने कहा कि हिन्दी का मान सम्मान बढ़ाने के लिए अपना नित्य कार्य हिन्दी में करना चाहिए। मातृभाषा के ज्ञान के बिना सभी सिखी हुई भाषा अधूरी होती है। हिन्दी के महत्व को सभी को समझना चाहिए। बाल काव्य सम्मेलन में छात्र भरतसिंह चंपावत ने हल्दी घाटी में महाराणा प्रताप के सहयोगी झालामान पर कविता पढ़कर सभी का मनमोह लिया। प्रवीणसिंह ने वीर रस की कविता का वाचन किए। छात्र विकास कुमार ने हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के कवि सूरदास पर विचार प्रस्तुत किए। बाल कवि जयराजसिंह चूंडावत ने गांवों में बसता है भारत..., भैया दशरथ देवासी एवं युवराजसिंह ने मां तु मुझको शाम बना देना..., बाल कवि मोहित कुमार सोनी ने मां के बारे मे कविता ''देश प्रेम होतो..., पढ़कर सभी का मन मोह लिया। सुमेरसिंह ने हास्य रस की कविता मम्मी का पप्पू फेल हो गया..., नन्दपालसिंह ने हिन्दी की चिंता व्यक्त की। देव सोनगरा ने ''बार-बार आती है, बचपन याद तेरी..., वागाराम ने हे भारत के राम जगों में तुम्हे जगााने आया हूं..., सहप्रधानाचार्य देवी सिंह चुण्डावत एवं प्रवीण दर्जी ने भी ओज एवं वीर रस की कविता प्रस्तुत कर सभी का मनमोह लिया।