
भाद्राजून की प्राचीन बावड़ी के सौन्दर्यन व रखरवाव का कार्य कई महीनों से बंद
भाद्राजून. कस्बे स्थित प्राचीन बावड़ी वर्तमान में बदहाली का शिकार है। जलशक्ति अभियान के दौरान केंद्रीय टीम द्वारा निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों को आस थी कि वर्षों से नजरअंदाजी की शिकार यह यह बावड़ी अब निखर उठेगी। दिल के आकार में बनी यह बावड़ी अपने विशेष पहचान रखती है और ऐतिहासिक भी है। आज भी इस बावड़ी में पानी की उपलब्धता सालभर रहती है, लेकिन साफ सफाई के अभाव में यह अनुपयोगी ही साबित हो रही है। पत्रिका के 29 जून 2021 के अंक में दिल की बनावट में हिलोरें लेती थी अपार जलराशि, अब कूड़े करकट की भरमार से खबर प्रकाशित कर नजरअंदाजी से अवगत करवाया था। इसके बाद 10 जुलाई 2021 को पंचायत समिति आहोर से जेईएन समेत टीम सदस्यों द्वारा बावड़ी के मरम्मत कार्य व सौन्दर्यन के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को जल्द ही बावड़ी के कार्य शुरू होने की बात कही।
रूपरेखा बनी, लेकिन ठंडे बस्ते में चली गई
बावड़ी के अन्दर की जर्जर दीवारों का कार्य, पानी के रिसाव को बंद का प्लास्टर करना, बावड़ी के चारों तरफ ऊपरी दीवार को रिपेयर कर सौन्दर्यन के लिए रंग करना, बावड़ी के पास नहर के अन्दर पत्थर व झाडियां को हटाना व मरम्मत करने के लिए प्रस्ताव कार्ययोजना बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा गया था। जिसके बाद कार्य शुरू भी हुआ। लेकिन प्राचीन बावड़ी के ऊपरी दीवार की मरम्मत कार्य होने के बाद काम बंद हो गया।
अभी कचरे से अटी पड़ी है बावड़ी
वर्तमान में इस बावड़ी के जल में कचरा भर गया हैं। बावड़ी के रखरखाव के लिए ग्रामीणों ने कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया। वहीं कई बार अपने स्तर पर भी सफाई अभियान चलाकर सफाई की गई। लेकिन बावड़ी के दिवारों की जर्जर अवस्था होने के कारण मलबा व अन्य कचरा जल में गिरने से पानी दूषित हो चुका हैं।
Published on:
02 Mar 2022 08:29 pm
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