
There are lock on PWD Lab for years
भीनमाल. सार्वजनिक निर्र्माण विभाग के उपखण्ड कार्यालय में बनी गुण नियंत्रण प्रयोगशाला का सालों से कोई उपयोग नहीं आ रहा है। इससे प्रयोगशाला भवन खण्डहर हो रहा है। भवन के परिसर में झाडिय़ां उग आई है। कचरे के ढेर लगे हुए है। ऐसे में यह प्रयोगशाला लोगों के लिए कोई काम नहीं आ रहा है।
प्रयोगशाला करीब 25 साल से बंद है। ऐसे मेें सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से करवाएं जाने वाले निर्माण कार्य के सैम्पल जांच के लिए जिला मुख्यालय स्थित लैब को भेजे जाते हैं। अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में विभाग की ओर से निर्माण कार्य करवाएं जाते थे, उस समय यह प्रयोगशाला का उपयोग में आ रही थी, लेकिन अब यह प्रयोगशाला का अब कोर्ई उपयोग नहीं आ रहा है, लेकिन अब होने वाले निर्माण कार्य के सैम्पल जांच के लिए जिला मुख्यालय स्थित लैब पर भेजे जाते हंै। प्रयोगशाला का पिछले काफी सालों से कोई उपयोग में नहीं होने के कारण परिसर की सफाई भी नहीं हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि विभाग की ओर से होने वाले कार्यों की गुणवत्ता जांच 25 फीसदी सहायक अभियंता व 10 फीसदी अधिशाषी अभियंता करते हैं।
उपकरण के नाम पर फावड़ा व गेती
प्रत्येक उपखण्ड कार्यालय पर विभाग की ओर से होने वाले सड़क व भवन निर्माण के कार्यों में उपयोग हो रहे मेटेरियल की जांच के लिए गुण नियंत्रण प्रयोगशाला बनी हुई थी। जिससे यहां पर ही मेटेरियल की जांच भी होती थी, लेकिन विभाग में ठेका व्यवस्था शुरू होने के बाद यह व्यवस्था भी बदल गई है। इस लैब में उपकरण के नाम पर फावड़ा व गेती ही उपलब्ध है। इतना ही इन लैब भवन के ताले खुले हुए भी करीब दो दशक बीत चुका है।
मिस्त्री व मेट के पद ही नहीं
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना हंै कि 198 0-90 के दशक में निर्माण कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग में मिस्त्री, मेट, गेटमैन, रोलर चालक सहित कई पद भी स्वीकृत थे, लेकिन अब विभाग ने पद भी समाप्त कर दिए। इसके अलावा गुण नियंत्रण प्रयोगशाला का भी कोई उपयोग नहीं आ रहा है। विभाग की ओर से गुण नियंत्रण के सैम्पल जिला मुख्यालय व संभाग स्तर पर स्थित लैब पर जांच होती है।
बंद पड़ी है लैब...
सार्वजनिक निर्माण विभाग में ठेकेदार व्यवस्था शुरू होने के बाद लेब भी बंद हो गई। यह लैब सालों से बंद ही है। निर्माण कार्यों के सैम्पल जांच के लिए जिला मुख्यालय पर भेजे जाते हैं।
- राकेश चन्द्र माथुर, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी, भीनमाल
Published on:
10 Feb 2018 12:31 pm
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