
Villagers protested against giving government schools on PPP mode
सांचौर. राजकीय माध्यमिक विद्यालय कांटोल को पीपीपी मोड पर देने को लेकर शनिवार को ग्रामीणों ने विद्यार्थियों के साथ स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर विरोध जताया। अभिभावकों का कहना था कि कि विद्यालय में 450 से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इसके बावजूद सरकार इसे पीपीपी मोड पर दे रही है, जो गलत है। विद्यालय का परीक्षा परिणाम भी हर बार बेहतर रहा है। ऐसे में ग्रामीणों ने विद्यालय को पीपीपी मोड पर नहीं देने की मांग की। इस मौके जालाराम देवासी, ओमाराम लोहार, अमृतलाल मेघवाल, ताराराम भील, सोहनलाल सारण व मेवाराम चौधरी मौजूद थे।
बागोड़ा/झाब. सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों को पीपीपी मोड पर देकर निजीकरण करने को लेकर जगह-जगह अभिभावकों की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है। ऐसा ही मामला बागोड़ा उपखण्ड की भालनी ग्राम पंचायत में हापू की ढाणी स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय का है। हाल ही में इस विद्यालय को पीपीपी मोड पर दिया गया है, जिससे ग्रामीणों में रोष है। हापू की ढाणी के ग्रामीणों ने शनिवार अलसवेरे विद्यालय के मुख्य द्वार पर ताला लगा कर इसका विरोध जताया। इस दौरान ना तो स्टाफ को विद्यालय में प्रवेश करने दिया गया और ना ही विद्यार्थियों को। तालेबंदी के बाद ग्रामीणों ने विद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना था कि विद्यालय के निजीकरण से यहां अध्ययनरत 216 विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। विद्यालय का प्रतिवर्ष बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम भी शत प्रतिशत रहता है। ऐसे में विद्यालय को निजी संचालकों के हाथों में देने से उनकी पढ़ाई पर इसका असर पड़ेगा। इधर, अभिभावकों के विरोध को देखते हुए अध्यापकों ने प्रशासन को सूचित किया। सूचना मिलने पर बागोड़ा नायब तहसीलदार हेमाराम चौधरी, पटवारी चम्पालाल व हेड कांस्टेबल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश की, लेकिन वे नहीं माने। ग्रामीणों का कहना था कि एक तरफ सरकार बंद पड़े विद्यालयों को पीपीपी मॉडल पर देने की बात कर रही है और दूसरी तरफ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए सही और व्यवस्थित रूप से चल रहे विद्यालय को ही पीपीपी मॉडल पर दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने सरकार की इस दोगली नीति का विरोध जताया। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि विद्यालय में व्यवस्थाएं सही है। ऐसे में इसे निजी हाथों में नहीं सौंपा जाए। ग्रामीणों के प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर भालनी सरपंच अम्बाराम मेघवाल भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ पीपीपी मॉडल का विरोध किया। इससे पहले विद्यायल के प्रधानाध्यापक रूपाराम मीणा ने ग्रामीणों से समझाइश की, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें विद्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया। ऐसे में पूरा स्टाफ बाहर ही खड़ा रहा। इस मौके उप सरपंच भंवरगिरी गोस्वामी, भंवरलाल खिलेरी, किसान नेता भगवानाराम विश्नोई, वार्डपंच भजनलाल पंवार, प्रकाश बाबल, मांगीलाल साऊ, बाबूलाल सुथार, बाबूलाल मांजू, सांवलगिरी व रामकिशन सारण सहित कई ग्रामीण महिलाएं मौजूद थीं।
ग्रामीणों ने दिया ज्ञापन
विद्यालय प्रशासन की सूचना पर मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार चौधरी को ग्रामीणों ने विद्यालयों के निजीकरण का विरोध जताते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन मे बताया कि इस विद्यालय में मध्यम व निम्न वर्ग के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। साथ ही इनकी संख्या भी अधिक है। इस विद्यालय को ग्रामीणों के सहयोग से साधन सम्पन्न बनाया गया है। ऐसे में ग्रामीणों ने इसका निजीकरण नहीं करने की मांग की।
आहोर. राजकीय माध्यमिक हनुमानशाला को राज्य सरकार की ओर से पीपीडी मोड़ पर दिए जाने को लेकर शनिवार को कस्बेवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। विद्यालय को पीपीडी मोड़ पर देने के विरोध में अभिभावकों समेत कस्बेवासियों ने विद्यालय के बाहर खड़े रहकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। आक्रोशित कस्बेवासियोंं ने बताया कि विद्यालय मेें 350 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है तथा विद्यालय का परिणाम सदैैव उत्तम रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से विद्यालय को निजी संचालकों के हाथ में दिए जाने के बाद विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होगी। कस्बेेवासियों ने चेतावनी दी कि विद्यालय के निजी हाथों में जाने के बाद वे अपने बच्चों को विद्यालय में नहीं भेजेंगे तथा धरना प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन करेंगे। इस मौके रमेशकुमार सुथार, धनसिंह परमार, राधेश्याम, मगसिंह राठौड़, महेन्द्र कुमार, पदमसिंह, अर्जुनसिंह, भैरूसिंह, सायरकंवर, मेघाराम, घनश्याम गोयल, मदनदास, सवाराम सहित कई जने मौजूद थे।
Updated on:
24 Dec 2017 12:29 pm
Published on:
24 Dec 2017 12:28 pm
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