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जारी हुआ आदेश, 31 अक्टूबर को अलग होंगे जम्मू-कश्मीर व लद्दाख

Article 370: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख इस वर्ष 31 अक्टूबर को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद केंद्र सरकार...

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जम्मू

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Nitin Bhal

Aug 10, 2019

On 31 October Jammu Kashmir and Ladakh become separate UT

जारी हुआ आदेश, 31 अक्टूबर को को अलग होंगे जम्मू-कश्मीर व लद्दाख

जम्मू (योगेश). जम्मू-कश्मीर ( jammu kashmir ) और लद्दाख ( Ladakh ) इस वर्ष 31 अक्टूबर को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश ( Union Territory ) के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद केंद्र सरकार ( Narendra Modi ) ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश ( UT ) के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे। अविभाजित जम्मू-कश्मीर अब तक राज्य की हैसियत से था, लेकिन अब उसे केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पड़ेगा। जबकि जम्मू-कश्मीर से अलग किए गए लद्दाख को करगिल के साथ मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। दूसरी ओर, राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में भारी सुरक्षा व्यवस्था लगा रखी है और कई क्षेत्रों में कफ्र्यू और धारा 144 लगा हुआ है। हालांकि शुक्रवार को जम्मू से धारा 144 हटा ली गई, जबकि कश्मीर में अभी भी यह व्यवस्था कायम है। घाटी में जुमे की नमाज शांति संपन्न हो गई। अब सबकी नजर 12 अगस्त को बकरीद पर है कि घाटी में किस तरह की प्रतिक्रिया होती है।

बिना डर ईद मनाएं लोग: मलिक

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ( Satyapal Malik ) ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बिना किसी डर और शांति के साथ ईद मनाएं। मलिक ने कहा कि हम ईद की तैयारी कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोगों को अधिकतम सुविधाएं प्रदान की जाएं। राजभवन से जारी के बयान के अनुसार राज्यपाल मलिक ने कहा कि हम ईद को लेकर विशेष तैयारी कर रहे हैं। हम इस मौके पर स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे ताकि वह हर्षोल्लास के साथ इसे मना सकें। मलिक ने कहा कि हम चाहते हैं कि घाटी के लोग ईद के त्योहार को बगैर किसी डर के मनाएं। इससे पहले राज्यपाल ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए निरंतर सतर्कता बरतने और तैयारी की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में राज्यपाल के सलाहकारों के. विजय कुमार, के.के. शर्मा, के. स्कंदन और फारूक खान तथा मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बैठक में भाग लिया। आवश्यक सेवाओं का जायजा लेने के बाद जम्मू से श्रीनगर लौटे कुमार, स्कंदन और खान ने राज्यपाल को बिजली, पानी की आपूर्ति और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं सहित लोगों को विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं की आवश्यक आपूर्ति तथा वितरण के बारे में जानकारी दी।

आवश्यक वस्तुओं की नहीं कमी

सुब्रह्मण्यम ने राज्यपाल को सूचित किया कि कश्मीर घाटी में आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है और यह स्टॉक तीन महीने तक चलेगा। कानून-व्यवस्था की स्थिति और सरकारी तंत्र की तैयारियों की समीक्षा करते हुए, राज्यपाल मलिक ने विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच निरंतर सतर्कता, तत्परता और तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि किसी भी स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। राज्यपाल मलिक ने विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों के लोगों और नेताओं से अपील की है कि वे राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में सरकारी तंत्र का सहयोग करें।