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(श्रीनगर): कश्मीर मे अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 44 जवान शहीद हो गए। कई जवान गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। यह हमला दक्षिण कश्मीर में राजधानी श्रीनगर से लगभग 18 किमी दूर पुलवामा के लेथपोरा में हुआ। यह एक फिदायीन हमला था, जिसमें आईईडी विस्फोटक से भरी एक वैन श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर चल रहे सीआरपीएफ के काफिले में घुस कर वाहनों से टकरा गई। हमले में सीआरपीएफ के वाहन और वैन के परखचे उड़ गए और काफिले में चल रहे दूसरे वाहनों तक भी आग का गोला और धातुओं के टुकड़े पहुंचे। पुलवामा हमला 2016-उरी हमले से भी बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है, जिसमें 19 जवान शहीद हुए थे। इस आत्मघाती हमले में गाड़ी के अंदर 200 किलोग्राम से भी अधिक विस्फोटक भरे होने की आशंका जाहिर की जा रही है।
घटना तब हुई, जब जम्मू में ट्रांजिट कैंप से सीआरपीएफ के करीब 2,547 जवान 78 वाहनों के काफिले में आ रहे थे और श्रीनगर जा रहे थे। पुलिस सूत्रों ने कहा कि एक 'फिदायीन' ने लगभग 3.15 बजे अपने वाहन से बस को टक्कर मार दी, जो पहले से ही सड़क पर दूसरी ओर खड़ी थी। अचानक हमले से सीआरपीएफ के काफिले में शामिल जवान भी कुछ देर के लिए आश्चर्यचकित रह गए। सीआरपीएफ अधिकारियों ने स्वीकार किया कि आतंकवादियों के मुख्य लक्ष्य वाली बस पूरी तरह से नष्ट हो गई और सीआरपीएफ का एक अन्य वाहन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। "यह विश्वास करना मुश्किल है कि बस में कोई भी कैसे जीवित रहेगा" एक पुलिस अधिकारी ने कहा। महानिरीक्षक (आईजी) सीआरपीएफ रविदीप सिंह के मुताबिक, काफिले में कई बसें शामिल थीं, आतंकियों ने आईईडी विस्फोट किया।
अधिकारियों के मुताबिक आईईडी को राजमार्ग पर एक कार के अंदर लगाया गया था और जब कार के करीब से सीआरपीएफ बसों-वाहनों का काफिला गुजरा, तो गाड़ी में बैठे फिदायीन ने टक्कर मार कर वैन में विस्फोट कर दिया। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जैश ने बयान जारी करते हुए कहा है कि यह एक फिदायीन हमला था, जिसे गुंडीबाग, पुलवामा के आतंकी आदिल अहमद ने अंजाम दिया है।
Published on:
14 Feb 2019 09:20 pm
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