18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सेना अपनी जान की परवाह किए बगैर इस ड्यूटी को दे रही अंजाम

सेना अपनी जान की परवाह किए बगैर बर्फबारी और हिमस्लखन में फंसे पर्यटकों ( Tourist & local residents ) और स्थानीय लोगों की जान बचा ( Army saving lifes ) रही है। सेना ने दो दिन में लेह के चादर ट्रैक पर फंसे 71 ट्रैकरों को बचाया।

2 min read
Google source verification
सेना अपनी जान की परवाह किए बगैर इस ड्यूटी को दे रही अंजाम

सेना अपनी जान की परवाह किए बगैर इस ड्यूटी को दे रही अंजाम

जम्मू(योगेश): सेना अपनी जान की परवाह किए बगैर बर्फबारी और हिमस्लखन में फंसे पर्यटकों ( Tourist & local residents ) और स्थानीय लोगों की जान बचा ( Army saving lifes ) रही है। कारगिल के द्रास की मशकोह वैली में हुए हिमस्खलन (Land sliding) में सेना का एक जवान शहीद और तीन अन्य घायल हो गए। विपरीत मौसमी परिस्थितियों के बावजूद सेना देश की रक्षा के साथ लोगों व पर्यटकों की हिफाजत में जुटी हुई है। सेना ने दो दिन में लेह के चादर ट्रैक पर फंसे 71 ट्रैकरों को बचाया। द्रास के पास मशकोह वैली में सुबह सेना की एक चौकी हिमस्खलन की चपेट में आने से चार जवान बर्फ में दब गए।

हिमस्खलन से कुल 13 मौतें
इस हादसे के बाद सेना ने मुहिम चलाकर चारों सैनिकों को निकाला, लेकिन उनमें से एक शहीद हो गया। हिमस्खलन में शहीद हुए सैनिक की पहचान हवलदार धर्मेंद्र सिंह निवासी कानपुर के तौर पर हुईं है। वहीं तीन अन्य घायल सैनिकों को कारगिल के सैन्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस महीने अब तक जम्मू कश्मीर और लद्दाख में आए हिमस्खलनों में सात सैनिकों समेत 13 लोगों की मौत हो चुकी है।

अब तक 112 ट्रेकरों को बचाया
इस बीच, खुद चुनौतियों का सामना कर रही सेना ने लेह के चादर ट्रैक पर फंसे ट्रैकरों को बचाने की अपनी मुहिम को जारी रखा हुआ है। वायुसेना के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर और सेना के हेलीकॉप्टर ट्रैकरों को निकाल रहे हैं। यह ट्रैकर चादर ट्रैक पर जंस्कार नदी में आई बाढ़ के कारण फंस गए थे। पिछले दो दिनों के दौरान जवानों ने 71 ट्रैकरों को बचाया है। अब तक क्षेत्र से 112 ट्रैकर बचाए जा चुके हैं।

ट्रेकरों में विदेशी भी
वायुसेना के अनुसार अभी भी ट्रैक पर कुछ ट्रैकरों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इन ट्रैकरों की संख्या नौ के करीब बताई जा रही है, जो पदम इलाके में फंसे हुए हैं। इनमें फ्रांसीसी और चीनी नागरिक शामिल हैं। खराब मौसम की वजह से हेलीकाप्टर को इलाके में ले जाना मुश्किल हो रहा है, लेकिन जवान पूरा प्रयास कर रहे हैं कि इन ट्रैकरों को जल्द वहां से निकाल लिया जाए।

गंभीर बीमार पर्यटकों को जीवनदान
बता दें कि गत मंगलवार को भी बर्फ पर हेलीकाप्टर उतार कर सेना ने छह ऐसे पर्यटकों को बचाया था, जिनकी हालात ठंड के कारण गंभीर हो गई थी। इससे पहले रविवार को लेह प्रशासन ने 41 ट्रैकरों को सुरक्षित निकाला था। लेह प्रशासन के अनुसार इस ट्रैक पर 130 से अधिक ट्रैकर फंसे हुए थे। रविवार से जारी बचाव अभियान के दौरान अभी तक सेना, वायुसेना 112 ट्रैकरों को बचा चुकी है। इनमें से 71 को पिछले दो दिनों के दौरान निकाला गया है। लेह प्रशासन ने फिलहाल चादर ट्रैक को ट्रेकिंग के लिए बंद कर दिया है।