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तैयारियां शुरू…
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी का मंदिर 18 मार्च से ही श्रद्धालुओं के लिए बंद है। लेकिन अब श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर तैयारियां की जा रही है। श्राइन बोर्ड पूरी व्यस्था करने में जुटा है। बताया गया है कि श्रद्धालु एक-दूसरे से उचित दूरी बनाए रखे इसके लिए थोडी-थोडी दूरी पर गोले बनाए जा रहे हैं। पिट्ठू, खच्चर वालों को भी हालात के हिसाब से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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यह व्यवस्था है प्रस्तावित…
यदि आगामी समय में सरकार की ओर से मंदिर को खोले जाने की अनुमति मिलती है तो पहले श्राइन बोर्ड अपने स्तर पर श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोलने का निर्णय लेगा। इसके बाद रोजाना 5 से 6 हजार श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पंजीकरण के बाद दर्शन की अनुमति प्रदान की जाएगी। श्राइन बोर्ड प्रशासन की योजना के तहत मनोकामना भवन से माता के भवन तक क्यूबिक फ्लैक्सिग्लास लगाकर एक घंटे में 450 से 500 श्रद्धालु माता की पवित्र पिंडियों के दर्शन कर सकेंगे और इसी व्यवस्था के तहत आगामी छह माह तक यात्रा जारी रखी जा सकती है। इस दौरान भी यदि यात्रियों की संख्या से कोई दिक्कत होती है तो उसे कम या ज्यादा करने पर विचार किया जा सकता है। ऐसे में यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि बाहरी श्रद्धालुओं की आवाजाही में अभी समय लग सकता है।
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यात्रा मार्ग को रखेंगे संक्रमण से मुक्त…
यात्रा मार्ग को वायरस से मुक्त रखना बोर्ड की पहली प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके लिए वैष्णो देवी भवन, बाणगंगा, नया ताराकोट मार्ग, अर्धकुंवारी और भैरव घाटी में फुट ऑपरेटेड सैनिटाइजर लगेंगे और थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की लोकेशन पर जीपीएस ट्रैकिंग से नजर रखी जाएगी।
गौरतलब है कि वैष्णो देवी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए भले ही बंद हो लेकिन समाज सेवा के कार्य विपरित समय में भी जारी रहे। श्राइन बोर्ड के अधीन आने वाले कटरा स्थित आधार शिविर आशीर्वाद भवन को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया है। यहां रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए सहरी और इफ्तारी की व्यवस्था भी की गई थी।