25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Video- जिले की 250 दवा दुकानों में लटका रहा ताला, दवा के लिए भटकते रहे बंद से अनजान मरीज

जिला औषधि विक्रेता संघ के अध्यक्ष नरेंद्र पालीवाल ने बताया कि दवाओं के ऑनलाइन व्यापार से अनाधिकृत व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।

2 min read
Google source verification
Video- जिले की 250 दवा दुकानों में लटका रहा ताला, दवा के लिए भटकते रहे बंद से अनजान मरीज

Video- जिले की 250 दवा दुकानों में लटका रहा ताला, दवा के लिए भटकते रहे बंद से अनजान मरीज

जांजगीर-चांपा. जिला औषधि विक्रेता संघ ने 28 सितंबर को दवा दुकान बंद कर दिया था। दवा व्यवसायियों द्वारा दवाओं के ऑनलाइन व्यापार का विरोध किया जा रहा। जिला औषधि विक्रेता संघ के अध्यक्ष नरेंद्र पालीवाल ने बताया कि दवाओं के ऑनलाइन व्यापार से अनाधिकृत व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके चलते वे एक दिन के लिए दवा दुकानें बंद कर सरकार के नीतियों का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान जिन्हें पता था कि आज दवा दुकानें बंद रहेगी तब वे दुकान खुद ब खुद नहीं गए वहीं जिन्हें पता नहीं था कि दवा दुकानें बंद रहेगी वे लोग भटकते नजर आए।

संघ के अध्यक्ष नरेंद्र पालीवाल ने बताया कि दवा बिक्री में ऑनलाइन व्यापार का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन व्यापार से नशीली दवा सरलता से उपलब्ध होगी। ब्रांडेड दवाओं की समकक्ष दवाएं मरीजों को आपूर्ति होगी, इंसुलीन व आवश्यक दवाएं जिनके रख रखाव के लिए फ्रिज की आवश्यकता होती है वह ऑनलाइन मंगवाने से खराब होती है। सेड्यूल एच वन की कई प्रतिबंधित दवाएं जिन्हें डॉक्टर की पर्ची रखकर ही बेचा जाता है वे अवैधानिक रूप से आपूर्ति की जाएगी। इस तरह कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। शुक्रवार को मेडिकल स्टोर बंद रहने से दवा व्यापार का कारोबार प्रभावित हुआ।

Read More : ट्रैफिक डीएसपी ने शहर के व्यवसायियों को दिया अल्टीमेटम, कहा- अपने दायरे में रहकर दुकान लगाएं

लाखों का कारोबार प्रभावित
जिले में तकरीबन 250 दवा दुकानें संचालित है। प्रत्येक दवा दुकानें हर रोज 50 हजार से एक लाख रुपए का कारोबार करते हैं। हालांकि कई दवा दुकानें छोटे किस्म की है वे पांच से 10 हजार का कारोबार करते हैं। इस तरह एक दिन दवा दुकान का कारोबार बंद होने से तकरीबन आठ से दस लाख रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ। सबसे अधिक चांपा में करोबार प्रभावित हुआ। क्योंकि चांपा ही मेडिकल हब के रूप में जाना जाता है। चांपा में ही मेडिकल स्टोर अधिक है।

यहां तकरीबन दो दर्जन मेडिकल स्टोर है। जहां लाखों का कारोबार प्रभावित होता है। यहां मरीज भी बड़ी तादात में पहुंचते हैं। डॉक्टर दवा जरूर लिख रहे थे, लेकिन उन्हें मेडिकल स्टोर से दवा नहीं मिलने की स्थिति में डॉक्टर खुद सेंपल की दवा को काम चलाने के लिए दे रहे थे। मेडिकल स्टोर बंद रहने की स्थिति में डॉक्टरों की क्लीनिक भी प्रभावित हुआ।