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जांजगर-चांपा व सक्ती जिला में बिजली की खपत हर साल बढ़ रही है। अकेले शहर में हर साल करीब 500 नए मकान बन जाते हैं, जिनमें बिजली कनेक्शन पहला काम होता है। इसी प्रकार जिले के सरकारी कार्यालयों में बिजली की खपत बढ़ी है। शहर में भी बिजली की प्रतिदिन खपत तीन लाख यूनिट है। गांवों में भी आबादी बढऩे पर बिजली कनेक्शनों की संख्या हर साल बढ़ रही है। इसको ध्यान में रखते हुए बिजली विभाग ने दो साल पहले प्रपोजल भेजा गया था। अब जाकर स्वीकृति मिल गई है। इसमें अकलतरा जोन के गांव खरौद, सक्ती जिला के गांव सकराली व पिरदा शामिल है। तीनों नए सब स्टेशन में ३.१५ एमवीए के ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। एक सब स्टेशन की लागत कीमत १ करोड़ ३५ लाख रुपए आएंगे। इस तरह तीनों मिलाकर ४ करोड़ ५० हजार रुपए खर्च आएंगे। तीनों सब स्टेशन से लगभग दो दर्जन गांव के उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। यहां के उपभोक्ताओं को पहले लो-वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ता था। अब सब स्टेशन के बन जाने के बाद लोट-वोल्टेज व बिजली फाल्ट से होने वाली समस्या से निजात मिलेगी।
दो साल बाद बनेंगे १५ नए सब स्टेशन
ये तीनों सब स्टेशन तो इसी साल बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद १५ नए पावर सब स्टेशनों के निर्माण के लिए बिजली विभाग ने प्लान तैयार कर लिया है। ये १५ पावर सब स्टेशन 33 केवीए क्षमता के बनने हैं। करीब डेढ़ एकड़ जमीन में एक सब स्टेशन बनना है। सब स्टेशनों के लिए पंचायतों से जमीन के प्रस्ताव ले लिए हैं। साइटों का जायजा के साथ जगह भी निर्धारित किया जा चुका है। सब स्टेशन स्वीकृति दो साल बाद ही होता है, इसलिए दो साल पहले प्लान बनाया जा चुका है। इसमें जिले के गांव पाली, धाराशिव, डोंगरी, कापन, कोड़ाभाट, झरना, सपिया, किकिरदा रामभाठा, केसला सहित अन्य गांव शामिल है। यहां सब स्टेशन बन जाने के बाद जिले में बिजली की समस्या लगभग खत्म हो जाएगी।
९.५ एमवीए बढ़ेगी जिले की बिजली क्षमता
यह तीनों सब स्टेशन बनने से जिले की बिजली क्षमता ९.५ एमवीए और बढ़ जाएगी। ऐसे में बिजली आपूर्ति पर्याप्त हो सकेगी। कम वोल्टेज की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा। नए सब स्टेशन बनने से सीधे तौर पर करीब 30 गांवों को फायदा होगा। आने वाले समय में १५० से अधिक गांवों को फायदा मिलेगा।
वर्जन
सब स्टेशन की स्वीकृति लगभग दो साल बाद मिलती है। इसके लिए पहले से प्रपोजल भेजा गया था। अब १५ नए सब स्टेशन के लिए प्लान बनाया गया है। इसका इस्टीमेट तैयार कर हेड ऑफिस भेज दिए हैं। इसकी स्वीकृति दो साल बाद मिलने की संभावना है। इस साल तीन सब स्टेशन ही बनेंगे। कम वोल्टेज की समस्या बिल्कुल खत्म हो जाएगी।
व्हीबीएस कंवर, एसई सीएसपीडीसीएल
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Published on:
14 Sept 2022 09:52 pm
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