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छत्तीसगढ़ की 36 भाजियों को जल्द मिलेगा पेटेंट, 3 साल से मेहनत कर रहा किसान

locationजांजगीर चंपाPublished: Nov 09, 2020 09:20:56 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

दीनदयाल ने अपनी बाड़ी और गांव के गौठान में 36 किस्मों की भाजी उगाई हैं। वे भाजियों की खेती के लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर ट्रेनिंग भी देते हैं। वर्तमान में वे सब्जी, खेती व नर्सरी प्रबंधन के राज्य मास्टर ट्रेनर हैं। दीनदयाल को इसके लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इनकी बाड़ी में उगी भाजियों में से कई विलुप्त प्रजाति की हैं।

छत्तीसगढ़ की 36 भाजियों को जल्द मिलेगा पेटेंट, 3 साल से मेहनत कर रहा किसान

छत्तीसगढ़ की 36 भाजियों को जल्द मिलेगा पेटेंट, 3 साल से मेहनत कर रहा किसान

आंनद नामदेव@जांजगीर-चांपा. छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली 36 भाजियों को संरक्षित कर उनका पेंटेंट कराने के लिए जांजगीर-चांपा जिले के युवा किसान दीनदयाल यादव 3 साल से ज्यादा समय से संघर्ष कर रहे हैं। अब उनकी मेहनत सफल होती दिख रही है। अलग-अलग राज्यों के कृषि वैज्ञानिकों की टीम यहां आ रही है और भाजियों से संबंधित सारी जानकारी जुटा रही है।

दीनदयाल ने अपनी बाड़ी और गांव के गौठान में 36 किस्मों की भाजी उगाई हैं। वे भाजियों की खेती के लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर ट्रेनिंग भी देते हैं। वर्तमान में वे सब्जी, खेती व नर्सरी प्रबंधन के राज्य मास्टर ट्रेनर हैं। दीनदयाल को इसके लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इनकी बाड़ी में उगी भाजियों में से कई विलुप्त प्रजाति की हैं।

तीन साल से पेटेंट की कवायद

दीनदयाल यादव ने बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विवि रायपुर के अनुवांशिकीय प्रजनन विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दीपक शर्मा के मार्गदर्शन में इनके पेटेंट के लिए 3 साल पहले पौध किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण कृषि सहकारिता एवं किसान मंत्रालय भारत सरकार दिल्ली को आवेदन किया है। सत्यापन के लिए अलग-अलग राज्यों के कृषि वैज्ञानिकों की टीम यहां आ चुकी है।

’36 भाजी वाला’ किसान बना उपनाम

प्रशिक्षण के सिलसिले में दीनदयाल देश के कई राज्यों में जाते हैं। पंजाब, उत्तराखंड़, बिहार, झारखंड में प्रशिक्षण के दौरान उन्हें छत्तीसगढ़ के 36 भाजी वाले किसान के रूप में ही बुलाया जाता है।

ये हैं छत्तीसगढ़ की 36 भाजियां

बोहार भाजी, गुमी भाजी, भथुआ, मुस्केनी , मुनगा भाजी, केना, सुनसुनिया, मखना भाजी, अमारी, कोचाई भाजी, चरौटा, करमता, पोई, लाल भाजी, गोंदली भाजी, पटवा, तिपनिया, मुरई भाजी, करेला भाजी, पालक, चौलाई , गोभी भाजी, खेढ़ा, मेथी, लाल चेच भाजी, चना भाजी, तिवरा, सरसों, बरबट्टी, कांदा, बर्रे भाजी, कुरमा, चनौरी, कोईलार, पीपर और सफेद चेचभाजी।

मैंने दीनदयाल की बाड़ी देखी है। छत्तीसगढ़ भाजियों के लिए दुनिया में जाना जाता है। हमे उम्मीद है, दीनदयाल की सब्जियों को पेटेंट जल्दी मिलेगा।

– एमआर तिग्गा, डीडीए जांजगीर-चांपा

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