
Diwali Festival 2023: धनतेरस पर आज पूरे दिन खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त, बरसेगा धन, बाजार सजकर तैयार
जांजगीर-चांपा। CG News: धनतेरस यानी धन्वंतरी त्रयोदशी 10 नवंबर को मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजा के साथ ही दिवाली की धूम शुरू हो जाएगी। रात में आसमान रंगीन होगा और चारों ओर पटाखों की गूंज होगी। वहीं बाजार सजकर पूरी तरह तैयार है। लोग खरीदारी के लिए बाजार पहुंच रहे हैं।
आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरी की जयंती पर यूं तो स्वास्थ्य लाभ की कामना से पूजा की जाती थी, लेकिन समय के साथ लोग इस दिन को बर्तन व सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त मानने लगे हैं। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक धनतेरस 10 नवंबर को अमृत सिद्ध के शुभ योग में मनाई जाएगी। इस दिन खरीददारी से घर में समृद्धि आती है। धनतेरस पर बाजार में हर दुकान पर भीड़ दिखाई देगी।
सराफा बाजार में भी रौनक देखने को मिलेगी। त्योहार पूर्व घरों को सजा लिया गया है। साफ-सफाई कर दीवारों की चूने व डिस्टेंपर से पुताई की गई। व्यवसायियों ने भी दुकानों की सजावट पूरी कर ली है। धनतेरस पर दीप जलाए जाएंगे और घर के कोने-कोने में रोशनी की जाएगी। दुकानदार ग्राहकों लुभावने आफर भी दे रहे हैं। ज्वेलरी शॉप के संचालक विजय सोनी ने बताया कि धनतेरस के लिए सोने की ज्वेलरी की अच्छी मांग है। लक्ष्मी पूजा के लिए गणेश, लक्ष्मी के सोने-चांदी की मूर्ति और सिक्के की खरीददारी भी अच्छी हो रही है। शहर के इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों में अच्छी खासी भीड़ की उम्मीद है। लोग आज के दिन के लिए एलसीडी टीवी, फ्रिज, आलमारी मिक्सी एवं अनेक सामानों की खरीदी शुभ मुहुर्त में करेंगे।
पांच दिनों की दिवाली
हिंदू धर्म में दिवाली सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। शुक्रवार के साथ ही दीपोत्सव शुरू हो जाएगा। शुक्रवार को धनतेरस, फिर शनिवार को नरक चौदस के रूप में मनाई जाएगी। इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है।
इस दिन शाम के समय घर पर 14 दीपक जलाने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। दीपावली के दिन 12 नवंबर को दीपदान कर नदी-तालाबों में प्रवाहित करने का शास्त्रों में महत्व बताया गया है। धनतेरस के साथ ही तीन दिनों तक मनाए जाने वाले दीपावली पर्व में कभी कुबेर एवं लक्ष्मीजी की पूजा के साथ पर्व का आनंद लेंगे। 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या, इसके बाद 14 को गोवर्धन पूजा और 15 नवंबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में दिवाली सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। लोग पूजा-अर्चना के साथ ही किसी सूने मकान, सार्वजनिक भवनों, गौशाला आदि में दीपदान करते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इलेक्ट्रानिक झालर व बल्बों की रोशनी में यह परंपरा ओझल होती जा रही है।
मिट्टी व गोबर के आकर्षक दीपों से सजा बाजार
दीपावली पर छोटे-बड़े व्यवसायियों ने दुकानों में ग्राहकों के जरूरतों के मुताबिक सामानों को सजा रखा है। जिन्हें ग्राहक जरूरतों के हिसाब से खरीदी कर रहे हैं। शहर में फुटपाथों पर ग्रामीण क्षेत्रों से आए व्यवसायियों ने मिट्टी से बने आकर्षक दीए लाए हैं। इसमें मिट्टी के अलावा गोबर से बने दीए शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र से व्यवसायी ने बताया कि 20 रुपए दर्जन दीए, छोटी-बड़ी समई 80 से 100 रुपए, गुल्लक 20 रुपए, रंग-बिरंगे दीए 5 से 10 रुपए प्रति नग उपलब्ध है।
भगवान धन्वंतरी व लक्ष्मी की होगी पूजा
कार्तिक त्रयोदशी धन्वंतरी की जयंती के रूप में मनाई जाएगी। धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से प्राप्त रत्नों में भगवान धन्वंतरी का प्रादुर्भाव हुआ था। उन्हें आयुर्वेद का प्रसार करने का वरदान मिला था। धन्वंतरी की जगह धन की पूजा करने के पीछे एक किवदंती है कि इस दिन राजा बलि ने कैद किए गए देवताओं के साथ धन की देवी लक्ष्मी को मुक्त किया था। यही वजह है कि लोग घरों में लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करने लगे। घर में आभूषण या सोना-चांदी खरीदने की परंपरा भी विकसित हुई। लिहाजा लोग इस दिन गाडिय़ां, कपड़े, इलेक्ट्रानिक्स, ज्वेलरी व अन्य सामान भी खरीदते हैं।
Published on:
10 Nov 2023 04:00 pm
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