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श्रम विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने इस योजना में किया बड़ा घालमेल, पात्र भटकते रह गए और इनको मिला योजना का लाभ, पढि़ए खबर…

श्रम विभाग ने ऐसे 306 लोगों को साइकिल का वितरण किया है जो न तो कभी शहर में अखबार का वितरण किया है और न ही ग्रामीण अंचलों में

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श्रम विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने इस योजना में किया बड़ा घालमेल, पात्र भटकते रह गए और इनको मिला योजना का लाभ, पढि़ए खबर...

श्रम विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने इस योजना में किया बड़ा घालमेल, पात्र भटकते रह गए और इनको मिला योजना का लाभ, पढि़ए खबर...

जांजगीर-चांपा. श्रम विभाग ने कुशल पंजीकृत श्रमिकों की श्रेणी में आने वाले ३०६ अखबार वितरक (हॉकर) को कागजों में साइकिल का वितरण कर दिया है। जबकि वास्तविक अखबार वितरकों को आज तक शासन की योजना के तहत साइकिल नहीं मिल पाई है। सुबह चार बजे से उठकर घर -घर पेपर वितरण करने असली वितरक योजना से वंचित हैं। बताया जा रहा है कि श्रम विभाग ने ऐसे ३०६ लोगों को साइकिल का वितरण किया है जो न तो कभी शहर में अखबार का वितरण किया है और न ही ग्रामीण अंचलों में उन्हें किसी ने अखबार वितरण करते देखा है। यानी श्रम विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने इस योजना में भी बड़ा घालमेल किया है।

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श्रम विभाग श्रमिकों के कल्याण के लिए एक दर्जन योजना चला रही है। जिसमें एक योजना अखबार वितरण करने वाले युवाओं के लिए भी है। जिसमें अखबारों का वितरण करने वाले युवाओं को नगरपालिका या ग्राम पंचायतों में पंजीयन कराकर आवेदन श्रम विभाग में जमा करना है। योजना के तहत हितग्राहियों को तकरीबन 3 हजार रुपए की साइकिल दिए जाने का प्रावधान है।

श्रम विभाग के मुताबिक बीते वित्तीय वर्ष तक जिले के 306 हितग्राहियों को साइकिल योजना का लाभ दिया जा चुका है, लेकिन बड़ी बात यह है कि शहर के किसी भी हॉकर को श्रम विभाग की योजना को लाभ नहीं मिला है। इससे साफ जाहिर होता है कि श्रम विभाग वास्तविक हितग्राहियों को योजना का लाभ न देकर रेवणी की तरह अपने ही अपने लोगों को बांट दिया है। वहीं वास्तविक हितग्राही योजना से वंचित हैं। इस योजना में भी श्रम मित्रों व विभाग के दलालों का बड़ा हाथ है। गांव में गांव में इसके दलाल सक्रिय हैं और अपने अपने लोगों को कमीशन लेकर योजना का लाभ दिलवा दिए हैं।

तीन साल से नहीं बंटी
बताया जा रहा है कि वर्ष २०१५ के बाद हॉकरों को बटनें वाली साइकिल अब तक नहीं मिली है। योजना का लाभ लेने के लिए सैकड़ो हॉकरों ने पंजीयन तो कराया है, लेकिन बीते तीन सालों से योजना के तहत साइकिल नहीं बट पाई है। इसके चलते हितग्राही अच्छे खासे परेशान हैं। गौरतलब है कि अकेले जांजगीर शहर में ही तीन दर्जन हॉकर हैं जो योजना का लाभ पाने के लिए अपने परिचितों के माध्यम से योजना का लाभ लेने के लिए पंजीयन कराया है, लेकिन अब तक विभाग केवल इसी योजना का लाभ हितग्राहियों को नहीं दिया है।

श्रम पदाधिकारी नहीं उठा रहे फोन
पत्रिका ने श्रम विभाग के कारगुजारियों को लेकर लगातार खबर प्रकाशित कर रहा है। खबर के संबंध में पत्रिका ने उनका पक्ष जानने के लिए दफ्तर में संपर्क करना चाह रही, लेकिन श्रम पदाधिकारी वीआर पटेल अपने आपको व्यस्त बताते हुए शाम को मिलने की बात करते हैं। शाम को दफ्तर में नहीं मिलने की स्थिति में उनसे फोन से संपर्क किया जाता है, लेकिन फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि श्रम अधिकारी मीडिया से बचना चाह रहे हैं।