
पामगढ़ ब्लॉक में चलता है बीएमओ का अपना अलग कानून, शासन के आदेश की उड़ाई जा रही अवहेलना
जांजगीर/पामगढ़. इसके बावजूद भी उच्चाधिकारियों को बिना कोई सूचना और जानकारी दिए और आदेशों की अवहलेना करते हुए अटैच कर दिया गया है और तब से लेकर सीएचसी खरौद में ड्यूटी ली जा रही है। इधर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राहौद आज भी चिकित्सा अधिकारी विहीन बना हुआ है और दो आरएमए के भरोसे पूरा अस्पताल चल रहा है। पामगढ़ बीएमओ के द्वारा किए गए नियम विरुद्ध संलग्नीकरण की शिकायत छग प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने १८ जुलाई २०२३ को संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं और सीएमएचओ जांजगीर-चांपा से की है।
अजीब तर्क : जहां तीन डॉक्टर वहां डॉक्टर की कमी बता रहे बीएमओ.....
पामगढ़ बीएमओ के द्वारा ऐसा सीएचसी खरौद में डॉक्टरों की व्यवस्था बनाने के लिए ऐसा किया जाना बताया जा रहा है जबकि हैरानी वाली बात यह है कि सीएचसी खरौद में पहले से ही डा. मरकाम, डॉ. नायक और एक अन्य चिकित्सा अधिकारी पूर्व से पदस्थ हैं। इसके बावजूद भी डॉ. रितिका मरकाम को भी सीएचसी खरौद में अटैच कर ड्यूटी ली जा रही है। इधर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राहौद जहां चिकित्सा अधिकारी ही नहीं है वहां डॉक्टरों की कमी नजर नहीं आ रही है। यह समझ से परे हैं। विडंबना यह भी है कि खरौद में जहां महीने में १५-२० प्रसव होते हैं, २५ से ३० की ओपीडी रहती है वहीं राहौद अस्पताल में महीने में ६० से ७० प्रसव होते हैं, प्रतिदिन ५० से ६० की ओपीडी रहती है। उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा के लिए शासन के मापदंड में तीसरे नंबर भी आ चुका है जिसे बीएमओ के द्वारा नजरअंदाज किया गया। ऐसे में अस्पताल में चिकित्सा सुविधा बिगड़ गई है और मरीजो ंको इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है।
क्या है पूरा मामला....
दरअसल, एमबीबीएस पाठ्यक्रम उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को परीक्षा पास करने के बाद छात्र चिकित्सकों को २ वर्ष संविदा ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा का शासन अनुबंध करती है। इसी सेवा के अधिन डॉ. रितिका मरकाम चिकित्सा अधिकारी एमबीबीएस (संविदा ) को प्रा.स्वा.केंद्र राहौद ब्लॉक पामगढ़ में पदस्थ किया गया। सीएमएचओ कार्यालय जांजगीर-चांपा के मुताबिक ३ जून २०२२ को इस कार्यालय में उपस्थिति दी गई। जहां से उसी दिनांक को उन्हें कार्यमुक्त कर नवीन पदस्थापना के लिए बीएमओ कार्यालय पामगढ़ में उपस्थिति देने कहा। जहां पामगढ़ बीएमओ के द्वारा उन्हें ज्वाइनिंग कराने के बाद राहौद पीएचसी के बजाए सीएचसी खरौद में ड्यूटी लगा दी और इस संबंध में न तो सीएमएचओ को किसी तरह सूचना दी गई और न कोई अनुमति ली गई।
सीएमएचओ ने बीएमओ से तीन दिवस में मांगा जवाब....
छग प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के शिकायत के बाद सीएमएचओ डॉ. स्वाती वंदना सिसोदिया ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने पामगढ़ बीएमओ को २६ जुलाई २०२३ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और संबंधित चिकित्सा अधिकारी को मूल पदस्थापना स्थल के लिए कार्यमुक्त करते हुए कार्रवाई से कार्यालय को अवगत कराने कहा है। साथ ही तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण भी बीएमओ से मांगा है। जवाब संतोषप्रद नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
खरौद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, वहां डॉक्टरों की ज्यादा जरुरत थी इसलिए चिकित्सा अधिकारी डॉ. रितिका मरकाम की ड्यूटी वहां लगाई जा रही है। मौखिक आदेश के तहत व्यवस्था बनाने के तहत ऐसा किया गया है।
डॉ. सौरभ, बीएमओ पामगढ़
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राहौद में एक भी चिकित्सा अधिकारी नहीं है। इसके बाद भी यहां के लिए पोस्टेड चिकित्सा अधिकारी को पामगढ़ बीएमओ के द्वारा नियम विरुद्ध सीएचसी खरौद में संलग्न किया गया है जबकि वहां पूर्व से ३ चिकित्सा अधिकारी पदस्थ हैं। शासन के आदेश की अवहेलना की गई है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग हमने शासन व सीएमएचओ से की है।
मदन लाल साहू, जिलाध्यक्ष छग प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जांजगीर-चांपा
Published on:
28 Jul 2023 09:23 pm
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