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देखरेख के अभाव में दम उखड़ रहा इस गार्डन का, छह माह भी नहीं चल सकी बोटिंग, पानी नहीं डालने से पौधे भी सूखे

- नगर पालिका अध्यक्ष रहे प्रदीप नामदेव ने इस गार्डन को जनसहयोग से लगभग 40 लाख की लागत से बनवाया था पार्क

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देखरेख के अभाव में दम उखड़ रहा इस गार्डन का, छह माह भी नहीं चल सकी बोटिंग, पानी नहीं डालने से पौधे भी सूखे

जांजगीर-चांपा. नगर पालिका चांपा द्वारा पालिका से कुछ कदम दूर पर लाखों की लागत से गार्डन तो बनाया गया, लेकिन नगर पालिका सीएमओ और अध्यक्ष की निरंकुश कार्य प्रणाली के चलते गार्डन बर्बाद हो गया है। इस गार्डन को बने मात्र 5-6 साल ही हुए हैं, लेकिन इसकी हालत ऐसी है जैसे पार्क नहीं चारागाह है। यहां की देखरेख के लिए लगाए कर्मचारी पार्क की व्यवस्था पर ध्यान नहीं देते और हर महीने धड़ल्ले से वेतन उठा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक नगर पालिका अध्यक्ष रहे प्रदीप नामदेव ने इस गार्डन को जनसहयोग से लगभग ४० लाख की लागत से बनवाया था। इसके बाद जैसे ही यहां की सत्ता बदली पिछले अध्यक्ष द्वारा कराए गए कार्यों का बंटाधार होना शुरू हो गया। वर्तमान अध्यक्ष सिर्फ भूमिपूजन और नए कार्यों में अधिक मन लगा रहे हैं, जबकि पुरानी संपत्ति को सहेजना भी उन्हीं की जिम्मेदारी है। जब से राजेश अग्रवाल नप अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे हैं और सीएमओ ज्योत्सना टोप्पो आई हैं, शायद ही इन्होंने गार्डन का निरीक्षण किया है।

यहां की हालत यह है कि तालाब में वोटिंग की सुविधा 6 माह भी नहीं चली और लाखों रुपए बर्बाद हो गए। गार्डन में कर्मचारी पौधों पर पानी नहीं डालते इससे पौधे सूख गए हैं। खास निकालने की जगह उसमें आग लगा दी जाती है, जिससे अन्य पौधे भी झुलस जा रहे हैं। इतना ही नहीं उद्यान में बनी सड़कों की टाइल्स उखड़ गई है, जिसे मरम्मत की दरकार है। मरम्मत नहीं करने से उद्यान की सभी सड़कें उखडऩे लगी है और टूटी सड़कों पर लोगों को चलने की मजबूरी बनी हुई है। इससे नागरिकों में आक्रोश है।

विपक्ष निष्क्रिय
नगर पालिका में विपक्ष की भूमिका में बैठी भाजपा पार्टी पूरी तरह से निष्क्रिय नजर आ रही है। उनके द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष और सीएमओ के गलत कार्यों को कोई विरोध तक नहीं किया जा रहा है। इसी का फायदा उठाकर यहां करोड़ों के टेंडर में गड़बड़ी की भी शिकायत सामने आ चुकी है।

विपक्ष की चुप्पी से भाजपा के मंत्री भी वाकिफ हैं, तभी तो कुछ दिन पहले यहां दौरे पर आए प्रभारी मंत्री अजय चंद्राकर ने भाजपा नगर मंडल के पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह विपक्ष के खिलाफ आवाज उठाएं। इस बारे में लोगों का कहना है कि अध्यक्ष कुछ निर्माण कार्य बीजेपी नेताओं को देकर खुश कर देते हैं, जिसके चलते वह लोग कोई आवाज नहीं उठाते हैं। विपक्ष की निष्क्रियता के चलते लोगों को ना केवल बदहाल उद्यान में समय व्यतीत करना पड़ रहा है, बल्कि सुबह सवेरे स्वच्छ वातावरण के बजाए संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। शहवासियों ने इस संबंध में कई बार शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

नहीं रहता सरोकार
चांपा नगर पालिका अध्यक्ष राजेश अग्रवाल तथा सीएमओ ज्योत्सना टोप्पो को जनता से सरोकार ही नहीं रहता है। इतना ही नहीं उनका फोन भी शाम होते ही आउट आफ कवरेज एरिया हो जाता है। पत्रिका द्वारा भी संपर्क करने का प्रयास किया गया, जहां दोनों का ही फोन स्वीच ऑफ मिला, जिससे उनका पक्ष नहीं मिल सका। नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया है कि उद्यान के साफ-सफाई का ठेका एक भाजपा नेता को मिला है और उसके द्वारा भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे पालिका पदाधिकारियों की जन सरोकार को समझा जा सकता है।

बोटिंग का इंतजार
चांपा नगरपालिका द्वारा रामबांधा तालाब में बोटिंग कराने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए पालिका द्वारा मोटर चलित बोट भी मंगाया गया है, लेकिन तालमेल के अभाव में बोट सड़ते पड़ा है। बोट आने के बाद शहर की रौनक बढऩे की उम्मीद लगाए शहरवासियों को इसके लिए लंबा इंतजार के बाद भी संघर्ष करना पड़ रहा है। वहीं पालिका प्रतिनिधियों के साथ अधिकारी की लापरवाही के चलते शहरवासियों को सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। इसी तरह लोगों के लिए बनी योजनाओं में भी देखने मिल रहा है, जहां पालिका की लापरवाही सामने आ रही है।