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बर्गर, पिज्जा, दोसा को बाय बाय…. अब चीला, ठेठरी और खुर्मी हुआ ट्रेंडिंग

Chhattisgarhi Dish : मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। आज की दुनिया में महिलाएं हर काम कर आत्मनिर्भर होकर अपना घर परिवार बखूबी चला सकती हैं।

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Gadhkaleva Hotel : मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। आज की दुनिया में महिलाएं हर काम कर आत्मनिर्भर होकर अपना घर परिवार बखूबी चला सकती हैं। कुछ इसी तरह की कहानी जिला मुख्यालय जांजगीर के जिला पंचायत कार्यालय परिसर में गढ़कलेवा होटल संचालित कर दो महिलाएं समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हुई हैं। तीन साल पहले सरकार की योजनाओं से जुड़कर उन्होंने जिला पंचायत परिसर के गढ़कलेवा में पारंपरिक भोजन बनाकर ग्राहकों को परोसने का काम शुरू किया था।

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आज यही महिलाएं अपने इस काम को पुस्तैनी मानकर अच्छा आमदनी ले रहीं हैं। रागीनी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष भगवती गौतम ने बताया कि ट्रेडिशनल भोजन परोसने में बहुत अच्छा लगता है। क्योंकि बहुत से ग्राहक ऐसे मिलते हैं जिन्हें ट्रेडिशनल खाना बहुत अच्छा लगता है। लोग आज के युग में बर्गर, पिज्जा, चाउमीन, दोसा जैसे चीजों से ऊब चुके हैं। इसके साइड इफैक्ट भी होने लगा है। जिसके चलते लोग आज के दिन चीला, ठेठरी, खुर्मी, चौसेल्ला जैसे खाने की चीजों की डिमांड करते हैं। जिसे हम आसानी से परोसते हैं।

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समूह की महिलाएं भगवती गौतम एवं देव कुमारी कश्यप ने बताया कि अब घर चलाने के लिए पुरूष की आय पर निर्भर नहीं होना पड़ता। क्योंकि अब वे खुद इतनी रकम जुटा लेती हैं कि घर का खर्च आसानी ने निकल जाता है। इतना ही नहीं खर्च के अलावा जमा के लिए भी पूंजी बचा लेती हैं। उन्होंने बताया कि महंगाई के दौर में आज घर चलाना कठिन है। उन्होंने आम महिलाओं को यह संदेश देना चाहतीं हैं कि वे भी आत्मनिर्भर होने के लिए खुद भी आय के साधन बढ़ाएं।