
बैंकों के आसपास अधिक रहती है इनकी नजर
जांजगीर-चांपा। इनकी नजर बैंकों के आसपास अधिक रहती है। बैंक में वे पहले लेन-देन का फार्म लेकर गुपचुप तरीके से ग्राहकों के द्वारा विड्राल फार्म में गौर करते हैं। जो ग्राहक बड़ा अमाउंट निकालता है फिर उनका पीछा करते हैं फिर वारदात को अंजाम देते हैं। कुछ इसी तरह की वारदात की कहानी सोमवार को जांजगीर में ही नहीं बल्कि बिलासपुर दुर्ग व रायपुर में भी हुई है। जिसमें तीन जिलों में लूट की वारदात को अंजाम देने में सफल हो गए और जांजगीर जिले में आरोपी वारदात को अंजाम देने में असफल रहे। आंध्रप्रदेश का गैंग देश के कोने कोने में कुछ इसी तरह के वारदात को अंजाम देते हैं। पहले तो ये फर्जी वोटरआईडी कार्ड व आधार कार्ड के माध्यम से धर्मशाला या गुमनाम स्थानों में ठहरते हैं फिर लूट की वारदात को अंजाम देते हैं।
वारदात को अंजाम देने के प्रमुख बातें
० लुटेरे मोबाइल नहीं रखते। क्योंकि मोबाइल से पुलिस उनका लोकेशन तलाश लेती है और वे पकड़े जाते हैं।
० खेती किसानी के सीजन में ये आंध्रप्रदेश से छत्तीसगढ़ कूच करते हैं।
० ८ -१० घटना कारित करने के बाद भाग निकलते हैं।
० कार में केमिकल डालकर भी रुपए पैसे लैपटॉप व मोबाइल करते हैं पार।
० फंसने के बाद आंध्रप्रदेश के वकीलों को ही लाकर लड़ते हैं केस।
० धर्मशाला व आउटर के गुमनाम स्थानों में रुकते हैं।
० बाइक में फ्लैग स्टैंड इनकी प्रमुख पहचान
आंध्रप्रदेश के नेल्लूर जिले का गैंग कई शहरों में घूम-घूमकर लूट एवं उठाईगीरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे लोगों से बचने के लिए हमें अलर्ट रहना होगा।
- विजय अग्रवाल, एसपी
Published on:
15 Nov 2022 08:52 pm
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