
CG News: नशाबंदी की ओर कदम बढ़ाते हुए तीन गांव की महिला सरपंचों ने अपने गांवों में पूर्ण शराबबंदी का संकल्प लिया है। गांव में सर्वसमाज की बैठक आहूत कर इस दिशा में पहल की है और सर्वसमति से निर्णय लिया गया है कि गांव में नशे से संबंधित अब कोई भी अवैध गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कोई भी व्यक्ति अगर गांव में अवैध रूप से शराब बनाते और बिक्री करते हुए पकड़ा गया तो उसे सीधे दंडित किया जाएगा। साथ ही कानून के हवाले कर दिया जाएगा। गांव को नशामुक्त बनाने का यह बीड़ा विकासखंड के तीन ग्राम पंचायत भिलौनी की नवनिर्वाचित सरपंच रजनी देवी कांत, ग्राम पंचायत खरखोद की सरपंच परमेश्वरी देवी खुंटे और ग्राम पंचायत केसला की नवनिर्वाचित महिला सरपंच शांति बाई पटेल ने लिया है। इन नारी शक्तियों ने अपने-अपने पंचायत में शराबबंदी को लेकर यह मुहिम छेड़ी है। महिला सरपंचों के मुताबिक, महिलाओं के लिए आज शराब एक अभिशाप से कम नहीं है।
शराब के चलते ही आज कई घर टूट चुके हैं तो कई परिवार बिखर गए हैं। घरों में कलह की वजह भी शराब बन रहे हैं। बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। पंचायती राज में महिलाओं ने 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में हमारा फर्ज है कि कम से कम अपने पंचायत क्षेत्र में भी अपनी बहनों के मान-समान और घर-परिवार के लिए पहल की जाए। इसमें गांव की महिलाओं के साथ बैठक पहले आयोजित की गई जिसमें सभी बहनों ने एक स्वर में इस मुहिम से जुड़ने की बात कही। इसके बाद जाकर गांव में शराबबंदी का नियम लागू किया गया है। इसके विरूद्ध जाने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।
विकासखंड के तीन पंचायतों की महिला सरपंचों के द्वारा इस तरह नशाबंदी को लेकर मुहिम छेड़ने की बात अन्य पंचायतों तक भी पहुंच रही है। इससे अन्य पंचायतों में भी एक अच्छा संदेश जा रहा है और अभियान में जनप्रतिनिधियों से लेकर मितानिन, सक्रिय महिलाएं, महिला समूह, किशोरी बालिकाएं भी सामने आ रही हैं। अगर इसी तरह अन्य पंचायतें में इस मुहिम में जुड़ती गई तो यह जिला ही नहीं पूरे प्रदेश के लिए पामगढ़ ब्लॉक मिसाल साबित हो सकता है।
Updated on:
31 Mar 2025 05:24 pm
Published on:
31 Mar 2025 05:18 pm
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