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पीएम आवास में पैसे लेने से लेकर विकास कार्य में कमीशन लेने का सरपंच पर लग रहा आरोप

- अधिकारियों ने भी सरपंच पर नहीं की कोई कार्रवाई

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पीएम आवास में पैसे लेने से लेकर विकास कार्य में कमीशन लेने का सरपंच पर लग रहा आरोप

पीएम आवास में पैसे लेने से लेकर विकास कार्य में कमीशन लेने का सरपंच पर लग रहा आरोप

जांजगीर-नवागढ़. नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत सेमरा ग्राम पंचायत को गौरव ग्राम के साथ ही आदर्श विधायक गोद ग्राम का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन यहां की सरपंच रमेशरीन बाई कश्यप की गलत कार्यशैली के चलते यहां के विकास कार्यों में ग्रहण लग चुका है। इस ग्राम की न तो क्षेत्र के विधायक कोई सुध ले रहे हैं और न ही शासन की विकास योजनाएं कहीं दिखाई दे रही हैं।

हालत यह है कि यहां की सरपंच पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों से दो-पांच हजार रुपए लेने का आरोप लगा है तो ग्राम पंचायत में आने वाला 14वें वित्त की राशि और अन्य शौचालय के नाम पर आई राशि का कहीं पता नहीं चल रहा कि वह कहां-कहां खर्च की गई है। इसे लेकर कुछ माह पहले यहां रुष्ठ जनता जनपद पंचायत नवागढ़ का घेराव भी कर चुकी है, लेकिन आज तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हालत यह है कि अधिकारियों ने सचिव रामेश्वर पटेल के ऊपर भी कोई कार्यवाही नहीं की न तो उसे वहां से हटाया गया, क्योंकि इस सब कार्यों में उसका भी बराबर का हाथ है।

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जानकारी के मुताबिक सेमरा के सरपंच सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर भी जमकर उगाही की। उन्होंने गांव के गरीबों से इस नाम से रुपए वसूल लिया कि वह उनका नाम हितग्राही सूची में दर्ज कराया है। जब ग्रामीणों का नाम हितग्राही सूची में नहीं दर्ज हुआ तो इससे नाराज ग्रामीणों ने जनपद पंचायत का घेराव किया, जिसके बाद भी आज तक सरपंच-सचिव पर कार्यवाही नहीं की गई।

ग्रामीणों सरपंच सचिव के खिलाफ कार्रवाई के लिए लोक सुराज अभियान में आवेदन देकर भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उसका निराकरण नहीं हुआ। लोक सुराज अभियान में दिए गए आवेदनों में मूलभूत समस्याओं का निराकरण करने की मांग की गई थी, लेकिन उनका भी निराकरण नहीं हुआ है। गौरव नाम के ग्रामीणों ने अपने खर्च से शौचालय बनवाया, लेकिन अनुदान राशि आने के बाद भी उन्हें राशि नहीं दी जा रही है। इस बारे में बात करने के लिए जब बृजेश सिंह क्षत्रिय से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

मुख्यालय में नहीं रहते सचिव
सेमरा ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिव रामेश्वर पटेल ग्राम पंचायत अमोरा का रहने वाला है, जो कि सेमरा से मात्र चार किलोमीटर है। इससे वह अपने मुख्यालय में रहकर अपने घर पर ही रहता है और जैसे ही किसी अधिकारी के आने की सूचना मिलती है कुछ मिनटों में वहां पहुंच जाता है। नियम के मुताबिक किसी भी ग्राम पंचायत सचिव को पड़ोसी गांव या नजदीक का रहने वाला नहीं होना चाहिए। सचिव की बात करें तो वह इससे पहले अपने गलत कार्यों को लेकर विवादित रहा है।

एक सरपंच पर 10 से अधिक आरोप
1. पंचायत प्रतिनिधि बनाने को लेकर भाई भतीजावाद का आरोप।
2. प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोडऩे में गलती करने का आरोप।
3. प्रधानमंत्री योजना के नाम पर 2.5 हजार रुपए लेना।
4. राशि मिलने के बाद भी पानी टंकी नहीं चालू कराने।
5. निराश्रित पेंशन एक हितग्राही को दो-दो जगह से लाभ दिलाना।
6. शौचालय की अनुदान राशि लाभार्थी को न देना।
7. लक्ष्य के मुताबिक शौचालय का निर्माण न कराना।
8. 14वें वित्त की राशि का सही उपयोग न करना।
9. गांव में हो रहे विकास कार्यों में कमीशन की मांग करना।
10. विधायक निधि से बने प्रतीक्षालय में की जा रही तालाबंदी।

-शिकायत तो थोड़ी बहुत होती रहती है। रही बात सचिव की तो मेरे लिए सही है और हम विकास का कार्य भी कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग जबरदस्ती शिकायतबाजी कर रहे हैं।- रमेशरीन बाई कश्यप, सरपंच, सेमरा ग्राम पंचायत

-आपको जो छापना है छापें मुझे इस संबंध में कोई बात नहीं करनी है। पब्लिक जो कहती है उसे कहने दीजिए- रामेश्वर पटेल, सचिव, ग्राम पंचायत सेमरा